विचार

2024 में भारत के लिए विचार-3: फिर से अपनाना होगा लोकतांत्रिक राष्ट्रवाद - पुरुषोत्तम अग्रवाल

नया वर्ष शुरु हो गया है। लेकिन बीते वर्षों में देश को एक सूत्र में पिरोए रखने वाला 'आइडिया ऑफ इंडिया' लुप्त प्राय हो गया है। ऐसे में इस आडिया के प्रति देश के कुछ प्रतिबद्ध चिंतित नागरिक नए साल में आशा के संकेत तलाश रहे हैं। पढ़िए तीसरी कड़ी...

Getty Images
Getty Images Hindustan Times

2024 में आगामी आम चुनावों में एक समावेशी, लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में भारत का विचार दांव पर है। हाल के विधानसभा चुनावों के नतीजे को देखते हुए बीजेपी आगे बढ़ने की उम्मीद कर रही है और अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन उसकी संभावनाओं को और बढ़ाएगा। इसके अलावा बीजेपी के पास आरएसएस के समर्पित कैडर और मुख्यधारा मीडिया, विशेषकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का मुखर समर्थन भी है।

हालांकि बीजेपी की किस्मत को परवान चढ़ाने वाला सबसे महत्वपूर्ण कारक है पार्टी का खुद को और प्रधानमंत्री मोदी को गौरवशाली और दृढ़ भारत के सपने के प्रति समर्पित दिखाने की उसकी क्षमता। इसके साथ ही पूरे विपक्ष, खास तौर पर कांग्रेस को इस सपने के विरोधी तत्वों के रूप में चित्रित करना। आरएसएस/बीजेपी नागरिकों के एक बड़े वर्ग को यह समझाने में भी कामयाब रहे हैं कि उनकी नीतिगत विफलताओं और कुशासन के कारण होने वाली पीड़ा राष्ट्र के गौरव के लिए आवश्यक ‘बलिदान’ है। उदाहरण के लिए, इस पर गौर करें कि कैसे मोदी सरकार विनाशकारी नोटबंदी और कोविड-19 महामारी से निपटने में अपनी विफलता से बच निकली।

Published: undefined

ऐसे ही, काफी अच्छा कल्याण-उन्मुख शासन प्रदान करने के बावजूद कांग्रेस राजस्थान हार गई। इसे एक मतदाता की प्रतिक्रिया से समझिए। उसने एक पत्रकार से कहा: ‘हां, अशोक गहलोत ने बहुत अच्छा काम किया है लेकिन मोदी वास्तव में भारत को महान बना रहे हैं।’

बेशक, यह गलत धारणा लगातार प्रचार का परिणाम है लेकिन कोई इसका प्रभावी ढंग से मुकाबला कैसे कर सकता है? यह राष्ट्रवादी उत्साह पर फिर से दावा करके ही किया जा सकता है। अतीत के साथ भावनात्मक जुड़ाव और भविष्य के प्रति चिंता सभी समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। देशभक्ति की भावना को प्रतिगामी, कट्टर, अति-राष्ट्रवादी तरीके से व्यक्त किया जा सकता है, जैसे भाजपा-संघ कर रहे हैं या लोकतांत्रिक समावेशी राष्ट्रवाद को व्यक्त किया जा सकता है जैसे बीते समय की कांग्रेस ने किया। राष्ट्रवाद के मसले पर तमाम अकादमिक बहसें की जा सकती हैं लेकिन रोजमर्रा की राजनीति में राष्ट्रवाद की ताकत को नकारा नहीं जा सकता।

Published: undefined

दुर्भाग्य से, ऐसा लगता है कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने आवश्यक सबक नहीं सीखा है। भारत एक राष्ट्र की शब्दकोषीय परिभाषा को पूरा करता है या नहीं, यह एक दिलचस्प शैक्षणिक प्रश्न हो सकता है लेकिन जब एक राष्ट्रीय पार्टी का नेता लोकसभा में घोषणा करता है कि ‘भारत एक राष्ट्र नहीं है’, तो यह केवल उन लोगों की मदद करता है जो एक समावेशी राष्ट्र के रूप में भारत के विचार को नष्ट करना चाहते हैं।

क्रोनी पूंजीवाद हो या बेरोजगारी या फिर जाति जनगणना- ये सभी महत्वपूर्ण मुद्दे हैं और इनमें लोगों को एकजुट करने की संभावना है लेकिन इन मुद्दों को उठाने पर भी अब तक अपेक्षित परिणाम नहीं मिले हैं। कारण सीधा है: कोई भी मुद्दा- चाहे वह कितना भी महत्वपूर्ण क्यों न हो, तब तक कोई बड़ा बदलाव नहीं ला सकता जब तक कि उसे एक समग्र नैरेटिव में न पिरोया जाए। 2019 में राफेल मुद्दे को उठाना इसी कारण से विफल रहा।

Published: undefined

‘इंडिया’ खेमे के विभिन्न दलों के लिए यह भी महत्वपूर्ण है कि वे अपने बड़बोले नेताओं पर लगाम लगाएं। धर्मों की सामाजिक बुराइयों को संबोधित किया जाना चाहिए लेकिन हाल ही में डीएमके नेता ने हिन्दू धर्म के विषय पर जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया, वह अहंकारपूर्ण और प्रतिकूल है। इसी तरह, यह मांग करना कि तुलसी के ‘रामचरितमानस’ के कुछ हिस्सों को हटा दिया जाना चाहिए, जितना आप चबा सकते हैं, उससे बड़ा निवाला ले लेने जैसा है। हमारे अधिकतर नेता इस सांस्कृतिक बहस में घुसने के लिए भी तैयार नहीं हैं। इसके अलावा, यह मांग करके कि आबादी के बड़े हिस्से द्वारा ‘पवित्र’ मानी जाने वाली पुस्तकों को सेंसर किया जाए, आप केवल उस विरोधी को हथियार दे रहे हैं जो लोगों का ध्रुवीकरण करने पर निर्भर है। 

(पुरुषोत्तम अग्रवाल प्रसिद्ध आलोचक, लेखक और विचारक हैं।)

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined

  • छत्तीसगढ़: मेहनत हमने की और पीठ ये थपथपा रहे हैं, पूर्व सीएम भूपेश बघेल का सरकार पर निशाना

  • ,
  • महाकुम्भ में टेंट में हीटर, ब्लोवर और इमर्सन रॉड के उपयोग पर लगा पूर्ण प्रतिबंध, सुरक्षित बनाने के लिए फैसला

  • ,
  • बड़ी खबर LIVE: राहुल गांधी ने मोदी-अडानी संबंध पर फिर हमला किया, कहा- यह भ्रष्टाचार का बेहद खतरनाक खेल

  • ,
  • विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले कांग्रेस ने महाराष्ट्र और झारखंड में नियुक्त किए पर्यवेक्षक, किसको मिली जिम्मेदारी?

  • ,
  • दुनियाः लेबनान में इजरायली हवाई हमलों में 47 की मौत, 22 घायल और ट्रंप ने पाम बॉन्डी को अटॉर्नी जनरल नामित किया