मित्रों,
2019 आ रहा है। आ रहा है कि नहीं आ रहा है? आ रहा है कि नहीं आ रहा है? आ रहा है तो फिर किसे वोट दोगे? दोगे न मुझे? वैसे तुम नहीं भी दोगे तो भी, अच्छी तरह समझ लेना, आपके बिना दिए भी आपका वोट लेना मुझे आता है। प्रधान सेवक तो किसी भी हालत में 2019 में मुझे ही बनना है। 2024 तक तो मुझे ही आपकी 'प्रधान सेवा' करनी है, आपमें से जिनका बेड़ा गर्क नहीं हुआ है, करना है, जिनका हो चुका है, उनका और ज्यादा करना बाकी है। ऐसी हालत में आपकी भलाई इसी में है कि आप खुद ही मुझे वोट दे देना। भाइयों-बहनों, मैं तो मैं हूं और अमित भाई भी, अमित भाई हैं तो हम जैसे भी होगा, बहुमत जुगाड़ लेंगे। आप तो जानते हो, हमने दो सीट पाकर भी अपनी सरकार बनाई है। हम 'स्मार्ट इंडिया' के 'स्मार्टटेस्ट' लोग हैं, हमें किसी भी हालत में कितने ही जूते खाकर, कुछ भी करके, कैसे भी अपनी सरकार बनाना आता है! अरे हम तो इतने महान हैं कि हमें एक भी सीट नहीं आए तो भी सरकार बनाना और फिर पीएम बनना हमीं जानते हैं, इसलिए ओ भारत के वोटरों, तमीज से मुझे ही वोट देना। निवेदन कर रहा हूं वरना कुछ और करना भी आता है हमें।
मैं अपने लिए कुछ नहीं चाहता। चने- चबैने के रूप में काजू -पिस्ता मिल जाए, पहनने के लिए इस फकीर को दस लाख रुपये का सूट और महीने में बीस दिन विदेश यात्राओं का आनंद मिल जाए, फेंकने करने के अवसर मिल जाएं, इतना बहुत है। बंगला, गाड़ी, हवाई जहाज तो खैर मिलता ही है।
इस देश के लिए बहुत से काम मुझे अभी करने हैं। बैंकों की पूरी बर्बादी का एजेंडा अभी बाकी है, नीरव मोदियों की स्वदेश वापसी करनी है, अंबानियों-अडानियों को और ऊंचा और ऊंचा उठाना है। गरीबों को और गिराना और गिराना और गिराना है। मूर्खताओं और ढपोरशंखी का संपूर्ण दोहन अभी बाकी है। हिंदू राष्ट्र बनाने में अभी बहुत सी बाधाएं हैंं। अंबेडकर एक बड़ी समस्या है। उनकी पूजा करके ही उनके संविधान की ऐसी-तैसी की जा सकती है, हिंदू राष्ट्र का नया संविधान बनाया जा सकता है। अयोध्या में मंदिर बने न बने, मथुरा-काशी में बनाने का मुद्दा गरमाना है। संसद भवन के पैर छुए थे। आप तो जानते हो कि मैं जिनके पैर छूता हूं, उन्हें उतनी ही जोर से लात भी मारता हूं। तो संसदीय व्यवस्था को ठीक से ठिकाने लगाने का काम अभी बाकी है। अभी जनता की कमर ही टूटी है, पूरी तरह वह मरी नहीं है। विपक्ष जिंदा हो रहा है, उसकी ठीक से अंत्येष्टि करके जाना है। कुछ टीवी चैनल और अखबार अभी भी हमारे खिलाफ बोल रहे हैं, उन्हें उनकी असली जगह बताना है।सोशल मीडिया अभी बहुत पें-पें कर रहा है, इसे टें कराना है। दलितों, आदिवासियों, औरतों, मुसलमानों को काफी 'ठीक' किया है, लेकिन इनको अभी ठीक से ठीक करना है। पूरे देश को गुजरात बनाना है। अभी पकोड़ा प्रमोशन बोर्ड का निर्माण बाकी है।
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खेती घाटे का सौदा है, फिर भी पट्ठे करते जा रहे हैं। जब तक देश का एक-एक किसान आत्महत्या नहीं कर लेता या महानगरों की झुग्गियों में बसने नहीं चला जाता, मेरा राष्ट्र निर्माण का मिशन अधूरा है।
देश को पूरी तरह शाकाहारी बनाना, गो-हत्या के नाम पर अभी और हत्याएं करवाना बाकी है।आपको क्या 15-15 लाख देने का वादा किया था कभी मैंने? अब पच्चीस लाख देने का वादा करना है। ईश्वर ने चाहा तो 2026 तक दे दूंगा। प्रॉब्लम ईश्वर की ओर से है, मेरी ओर से नहीं है। अभी अस्पतालों, स्कूलों, विश्वविद्यालयों की बर्बादी का काम बहुत सा बचा है। अभी बहुत से सुखराम हैं जिनसे पार्टी का गौरव बढ़ाना है। चाल, चरित्र और चेहरे की दिशा में आगे बढ़ने के लिए बहुत से बलात्कारियों, हत्यारों, गुंडों, भ्रष्ट्रों का प्रमोशन करना है। अभी बहुत कुछ करना है। अर्थव्यवस्था का दिवाला पीटना है, सिविल वार कराना है। इसलिए आपकी ईमानदारी इसमें है कि आप मुझे वोट दो। मुझे आपके नोट की जरूरत नहीं है। नोट का प्रबंध मैंने कर लिया है। हम वोट के लिए नोट भी दे सकते हैं। बाकी तो जो देना है, लेना है, अब हम आपको चुनाव जीतने के बाद ही बताएंगे। 2014 में भी हमने बहुत कुछ छुपाया था, 2019 में भी बहुत कुछ छुपाएंगे। तब जो कहा था, किया नहीं और जो नहीं कहा था, सब किया। वही अब भी करेंगे। बहुत बड़ा देश है। समय सिर्फ पांच साल का है और करने से ज्यादा पहले की सरकारों के किए हुए को मटियामेट करने का एजेंडा बहुत सा बाकी है। इसमें आपका सहयोग वांछनीय है।
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