चारों तरफ अंधेरगर्दी मची है, नफरत का बाजार गर्म है, मंदी से लोगों का, उद्योगों का दिवाला पिट रहा है, बैंक डगमगा रही हैं। इन सबके बीच हरियाणा-महाराष्ट्र के मतदाताओं ने बस इतना किया है कि बीजेपी को अच्छा सा, प्यारा सा झटका दे दिया है, सूई चुभो दी है। मगर इससे क्या, भक्त तो मना रहे हैं- जोरदार दिवाली। जब मोदी जी ही इन दो राज्यों में बनी नकटी सरकारों को दिवाली का एडवांस तोहफा मान रहे हैंं, तो भक्तों को क्या समस्या है? दिलचस्प यह है कि नाक कटना भी अब बीजेपी के शब्दकोश में तोहफे मिलना बन चुका है। यह सत्तर साल में पहली बार हुआ है। यह भी मोदीजी की बड़ी उपलब्धि है। चाहें तो देशवासी इसे मोदीजी की ओर से दिवाली तोहफा मान सकते हैं।
इस बार मोदी-शाह कंपनी का 370 और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर फार्मूला नहींं चला, भक्त इससे हताश नहीं, क्योंकि वे भक्त हैं। उन्हें भरोसा है कि मोदीजी-शाहजी सत्तर साल के कचरे में से उठाकर कोई सड़ा हुआ फार्मूला ले आएंगे! बस पैकिंग नई होगी। इसलिए भक्तों की बला से, जिसका पिटना हो, दिवाला पिटे। कल की बजाय आज पिटे और आज की बजाय अभी पिटे! भक्तों के आराध्य मोदीजी-शाहजी जब तक दिल्ली मेंं विराजित हैं, तब तक इनकी पौ बारह हैै। कोई जलाया जाए, कोई मारा जाए, कोई आत्महत्या करे, इनकी मस्ती है, तो मस्ती है।
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इनकी ही नहीं, इनके बलात्कारियों, हत्यारों, घोटालेबाजों, भ्रष्टों की भी खूब मस्ती है। बलात्कृता जेल में होती है और बलात्कारी मस्ती में आशीर्वाद देता घूमता है। अंधेरगर्दी भी जितनी मचनी हो, मचे।जिन भक्तों के सिर पर बाल हैं, उनका एक बाल भी बांका नहीं होगा और जिनके सिर पर बाल नहीं हैं, उनकी तो मस्ती ही मस्ती है! इसलिए ये तो खूब जमकर दिवाली मनाएंगे।
ठीक है, योगीजी ने उत्तर प्रदेश में 25 हजार होमगार्डों की नौकरी छिन ली थी, मगर फिर दयालु -कृपालु के अवतार में प्रकट भये। उधर लगा चुनावी झटका, इधर इनकी अकल ने इनके सिर पर बजाया डंका। वैसे भक्त होमगार्डोंं की नौकरी छीनने से भी खुश थे, अब भी खुश हैं। असली भक्त वही होता है, जो नेता के सर्वनाशी कदम से भी खुश हो और सर्वसत्यानाशी कदम से भी। वैसे भी ये या इनकी संतानें तो होमगार्ड में हैं नहीं! और जब योगीजी इनकी नौकरियां छीनकर इतने खुश थे कि अयोध्या में 33 करोड़ रुपये के दिये जलाने में लगे थे, तो ये भी क्यों न मनाते- दिवाली।
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होमगार्डों का दिवाला भी इनकी दिवाली है! अर्थव्यवस्था का दिवाला भी इनकी दिवाली है। बैंकों की बर्बादी भी इनकी दिवाली है! गरीबों का, आदिवासियों का, मुसलमानों का दुख-दर्द इनकी नजर में कोई दुख-दर्द नहीं है। इनका एक ही लक्ष्य है- दिवाली और दिवाला। देश में लाखों लोगों की नौकरियां चली गईंं, अभी तो और भी जाएंगी, अभी तो बस शुरुआत हुई है, मगर जब तक इन्हें वोटर की तगड़ी मार नहीं पड़ेगी, इनकी दिये जलते रहेंगे, चाहे इससे दूसरों के घर जल जाएं, दूसरों के चिराग बुझ जाएं। पचास हजार लोगों के लाखों रुपये पंजाब एंड महाराष्ट्र बैंक में डूबे। अगले साल इनका बैंक भी डूब जाए, इन्हें परवाह नहीं, भक्त हैं न! जब डूबेगा, तब देखेंगे। तब रो लेंगे, छाती पीट लेंगे, नेहरू को, कांग्रेस को गालियां देकर, जी हल्का कर लेंगे! उस साल दिवाली मनाने वालों को बद्दुआएं दे देंगे मगर भक्ति नहीं छोड़ेंगे। ये मनाकर ही रहेंगे- दिवाली- दिवाला पिटने से पहले की दिवाली।
कश्मीर के लोग सामूहिक कैद में हैं, रहें, मुसलमानों के संपूर्ण बहिष्कार की अपीलें जारी हों, होती रहें! मुसलमानों के लिए, कश्मीरियों के लिए ये क्यों न मनाएं धूमधाम से दिवाली! इस बार तो ये पहले से भी ज्यादा दिवाली मनाएंगे- धारा 370 हटने की खुशी जो इनके दिलों में है! जिन्हें रोना हो, रोएं, फूटफूट कर रोना चाहें, रोएं, रोने की मोदीजी के लोकतंत्र में भक्तों के सिवाय सबको पूरी छूट है। ये शुभकामनाएं लेंगे भी और देंगे भी। इधर लेंगे, उधर देंगे। लेंगे और देंगे, देंगे और लेंगे। शुभकामना लेना-देना इनके लिए एक बढ़िया सा गेम है, इस बार ये गेम ये खूब खेलेंगे!
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होने दो इस देश के तीन में से दो बच्चे कुपोषित, विश्व भूख सूचकांक में 117 देशों में आने दो हमारे महान राष्ट्र का स्थान 102वां , उत्पादन गिरने दो, जीडीपी घटने दो, इनकी दिवाली अखंड चलती रहेगी। इनका तो बच्चा आज खा रहा है न बर्गर, खा रहा है न पिज्जा, पास्ता, फ्राइड चिकन, नूडल्स! पी रहा है न कोकाकोला-पेप्सीकोला! ये प्रसन्न हैंं, इनके बच्चे खुश हैंं! तो कुछ भी कहो, ये तो फोड़ेंगे ही फोड़ेंगे एक लाख या कम से कम पचास हजार के पटाखे। पटाखे, मस्त पटाखे, ग्रीन पटाखे।पटाखे ही पटाखे!
अरे भई सुना कि नहीं, पढ़ा कि नहीं, मोदीजी अब सवार होते हैं एकदम नई, बेहद लकदक, बेहद सुरक्षित, टोयोटा लैंड क्रूजर कार में। पहले बेचारों के पास टोयोटा रेंज रोवर कार थी। और अब उनके लिए आ रहे हैं अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के जैसे दो अत्यंत आधुनिक- सुरक्षित बोइंग 777-300 ईआर विमान। जब मोदीजी की दिवाली ही दिवाली है, उनका हर दिन दिवाली है तो इनकी क्यों रहे फीकी दिवाली! इनके साहेब मनाएं दिवाली और इनके घर दो दिये भी न जलें! मोदीजी की खुशी ही इनकी खुशी है! जो ऐसा नहीं मानते और बनना चाहते हैं देशद्रोही, वे खुशी-खुशी बनें। ये तो भक्त हैं, इसलिए देशभक्त हैं और जब तक मोदी जी हैं, ये इसी तरह भक्त और देशभक्त रहने वाले हैं। आओ इनकी प्रशस्ति में गाएं यह गीत:
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देशभक्त, देशभक्त
टनटनाटन देशभक्त
दनदनादन देशभक्त
बम का गोला देशभक्त
आग लगाए देशभक्त
दिये जलाए देशभक्त
मोदीभक्त, देशभक्त
टिटरी-टिटरी, टा टा टा टा
देशभक्त मोदीभक्त-देशभक्त
ताजा -टटका देशभक्त
कुरकुरा देशभक्त
मुरमुरा देशभक्त
लैडक्रूजर देशभक्त
ट्रंंप टाइप देशभक्त
मोदीभक्त, देशभक्त
भगतो गाओ देशभक्त
दिवाली मनाओ देशभक्त।
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