कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि नीति आयोग की बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ जो व्यवहार हुआ है, वो पूरी तरह अस्वीकार्य है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि नीति आयोग की बैठकें दिखावा मात्र होती हैं तथा यह संस्था पेशेवर एवं स्वतंत्र नहीं है।
Published: undefined
ममता शनिवार को यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की बैठक छोड़कर बाहर निकल आईं। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष की एकमात्र प्रतिनिधि होने के बावजूद उन्हें भाषण के दौरान बीच में ही रोक दिया गया।
सरकारी सूत्रों ने उनके आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ममता को बोलने के लिए दिया गया समय समाप्त हो गया था।
Published: undefined
कांग्रेस नेता रमेश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, "10 साल पहले स्थापित होने के बाद से, नीति आयोग प्रधानमंत्री का एक "अटैच्ड ऑफिस" रहा है। यह ‘नॉन-बायोलॉजिकल’ प्रधानमंत्री के लिए ढोल पीटने वाले तंत्र के रूप में काम करता है।"
उन्होंने दावा किया कि नीति अयोग ने किसी भी रूप में सहकारी संघवाद को मज़बूत नहीं किया है।
Published: undefined
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, "इसका काम करने का तरीक़ा स्पष्ट रूप से पक्षपात से भरा रहा है। यह पेशेवर और स्वतंत्र तो बिल्कुल भी नहीं है।"
उन्होंने कहा कि यह अलग तरह के और असहमति से भरे सभी तरह के दृष्टिकोणों को दबा देता है, जो एक खुले लोकतंत्र के मूलतत्व हैं तथा इसकी बैठकें महज़ दिखावा मात्र की होती हैं।
रमेश ने कहा, "पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के प्रति उसका व्यवहार, जो कि नीति आयोग का वास्तविक रूप है, बिल्कुल अस्वीकार्य है।"
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined