लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को एक और झटका लगने वाला है। केंद्र सरकार ने उन्हें दी गई जेड प्लस श्रेणी की ब्लैक कैट सुरक्षा वापस लेने जारी है। यह निर्णय केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के अंतर्गत वीआईपी सुरक्षा प्राप्त लोगों की समग्र समीक्षा करने के बाद लिया गया है।
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हालांकि यह अभी स्पष्ट नहीं हुआ है कि अखिलेश को किसी अन्य केंद्रीय बल की कम श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की जाएगी या या उनकी केंद्रीय सुरक्षा पूरी तरह से हटा ली गई है। जबकि खबरों के मुताबिक, अखिलेश यादव के पिता और समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव को दी गई इसी के समान राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) ब्लैक कैट सुरक्षा हालांकि बहाल रहेगी।
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अखिलेश को साल 2012 में केंद्र में यूपीए सरकार के दौरान शीर्ष श्रेणी की वीआईपी सुरक्षा दी गई थी। इसके तहत उनकी सुरक्षा के लिए उन्हें आधुनिकतम हथियारों से युक्त 22 एनएसजी कमांडों की टीम दी गई थी।
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बताया जा रहा है कि गृह मंत्रालय ने यह निर्णय केंद्र और राज्य (उत्तर प्रदेश) की खुफिया एजेंसियों की खतरे की संभावना की रिपोर्ट्स के आधार पर लिया है। उन्होंने कहा कि लगभग दो दर्जन अन्य वीआईपीज की सुरक्षा भी या तो हटा दी जाएगी या उसकी श्रेणी कम कर दी जाएगी। अधिकारियों ने कहा कि आधिकारिक आदेश जल्द आएगा।
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केंद्रीय आतंकवाद निरोधक बल एनएसजी सुरक्षा वर्तमान में 13 प्रसिद्ध नेताओं को दी गई है। इनमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और फारूक अब्दुल्ला और अन्य लोग हैं।
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