उत्तर प्रदेश में गौ संरक्षण और संवर्धन के मामले में बड़ी लापरवाही सामने आने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को महराजगंज के जिलाधिकारी समेत पांच अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। जिले में गायों के संरक्षण और संवर्धन में लापरवाही सामने आने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश पर मुख्य सचिव आर.के. तिवारी ने महराजगंज के जिलाधिकारी अमरनाथ उपाध्याय, एसडीएम देवेंद्र कुमार और सत्यम मिश्रा, मुख्य पशु अधिकारी राजीव उपाध्याय और मुख्य उप पशु चिकित्सा अधिकारी वी के मौर्या को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इन सभी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के भी निर्देश दे दिए गए हैं।
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यह कार्रवाई महराजगंज जिले के मधुबलिया गो सदन में गोवंश के रखरखाव में अनियमितता मिलने के मामले में की गई है। राज्य के मुख्य सचिव के अनुसार जांच में वहां 2500 गोवंश की जगह मात्र 900 पाए गए। संख्या कम होने के बावजूद चारे या अन्य खर्च में कोई कमी नहीं थी। इतना ही नहीं, पशुपालन विभाग की 500 एकड़ जमीन में से 380 एकड़ जमीन गैर कानूनी ढंग से निजी व्यक्ति को लीज पर दे दिया गया। इसकी न किसी से अनुमति ली गई और न ही कोई विधिक प्रक्रिया अपनाई गई। यह भी एक गंभीर वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है।
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लेकिन खास बात ये है कि ये स्थिति केवल महाराजगंज की नहीं है। पूरे प्रदेश में गौसंरक्षण को लेकर अधिकारियों का रवैया कमोबेश ऐसा ही है। अधिकारियों की उदासीनता औरलापरवाही की वजह से योगी सरकार के राज में गायों के मरने का सिलसिला जारी है। हाल ही में बदायूं के सरकारी गौशाला में चारा खाने के महज दो घंटे के भीतर 22 गोवंशों ने दम तोड़ दिया। इनमें 11 गायें, तीन बछिया और 4 सांड शामिल हैं। प्रदेश में गायों की मौत का यह पहला मामला नहीं है। सरकार की बेरुखी से अब तक कई गायों की मौत हो चुकी है। इससे पहले 12 जुलाई, 2019 को प्रयागराज जिले की एक गोशाला में 35 गायों की मौत हो गई थी।
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दिलचस्प ये है कि गायों को लेकर आक्रामक रुख रखने वाली बीजेपी की उत्तर प्रदेश में सरकार का नेतृत्व संभालने के बाद से सीएम योगी आदित्यनाथ प्रदेश में गायों के संरक्षण को लेकर बड़े-बड़े दावे करते रहे हैं। इस साल के बजट में उनकी सरकार ने गायों के संरक्षण के लिए 600 करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन किया था। इसके तहत गायों के चारे के साथ ही राज्य भर में गौशालाओं का निर्माण कराया जाना है। इसके लिए गौ संरक्षण और विकास निधि नियम 2019 के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में गौशाला निर्माण और उनके रखरखाव के लिए बजट में 247 करोड़ रुपये का प्रावधान है। इतना ही नहीं सरकार ने गौ संरक्षण के लिए सेस लगाने का प्रावधान किया था।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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