नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वाले अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों पर योगी सरकार ने कार्रवाई की है। एएमयू में हुई हिंसक विरोध प्रदर्शन मामले में योगी सरकार ने 10 हजार अज्ञात छात्रों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। बता दें कि एएमयू में 15 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन देखने को मिला था।
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15 दिसंबर को एएमयू में विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने स्थिति नियंत्रण के लिए आंसू गैस के गोले दागे थे। इस दौरान एक छात्र का हाथ भी कट गया था।
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वहीं एएमयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष सलमान इम्तियाज ने आरोप लगाया कि 15 तारीख को पुलिस ने छात्रों पर बर्बरता की थी जिसमें कई छात्र घायल हुए थे। एएमयू के शिक्षक संघ ने नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस और छात्रों के बीच हुए झड़प की न्यायिक जांच कराने की मांग की है। शिक्षक संघ ने आरोप लगाया है कि एएमयू के छात्रों के खिलाफ ‘झूठे मामले’ दर्ज किए गए हैं, जिसे तत्काल वापस लिए जाएं और दोषी पुलिसकर्मियों को कानून के मुताबिक सजा दिए जाएं।
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इससे पहले पुलिस ने 23 दिसंबर को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय परिसर में कैंडल मार्च में भाग लेने वाले 1,000-1,200 से अधिक अज्ञात लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए। ये कैंडल मार्च सीएए के विरोध में अपनी जान गंवाने वालों के लिए था।
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बता दें कि नागरिकता कानून के विरोध में पिछले दिनों यूपी के कई जगहों पर हिंसक प्रदर्शन हुआ। इस हिंसक प्रदर्शन में कई जगहों पर संपत्ति का नुकसान हुआ है। जिसके बाद योगी सरकार ने ऐलान किया कि जो भी सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है उसे चिन्हित करके उसकी संपत्ति से वसूला जाएगा। ऐसा माना जा रहा है कि इसी के तहत प्रदर्शनकारियों पर केस दर्ज हो रहे हैं और उनके उपर कार्रवाई की जा रही है।
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