कल तक जो मोदी सरकार के मजबूत समर्थक थे वे भी आज सरकार और उसके फैसले पर सवाल खड़े करने लगे हैं। भारत रत्न अवॉर्ड के नामों को लेकर योग गुरु रामदेव ने मोदी सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के 70 साल बाद भी किसी संन्यासी को यह सर्वोच्च सम्मान क्यों नहीं दिया गया है?
मीडिया से बात करते हुए रामदेव ने कहा, “दुर्भाग्य है कि 70 सालों में एक भी संन्यासी को भारत रत्न सम्मान नहीं मिला। चाहे वह महर्षि दयानंद सरस्वती, स्वामी विवेकानंद हों या शिवकुमार स्वामी जी। मैं भारत सरकार से आग्रह करता हूं कि अगली बार कम से कम किसी संन्यासी को भी भारत रत्न दिया जाए।”
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रामदेव से पहले शनिवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़ग ने भी सवाल खड़े किए थे। खड़गे ने कर्नाटक के सिद्धगंगा मठ के मठाधीश शिवकुमार स्वामी को भारत रत्न सम्मान नहीं मिलने पर निराशा जाहिर की थी। उन्होंने कहा था, “सरकार ने उनका काम देखा था। इसके बावजूद बीजेपी सरकार ने उन्हें यह सम्मान नहीं दिया। यह दुखद है।”
खड़गे ने कहा, “एक गायक और एक ऐसे व्यक्ति को जिसने आरएसएस की विचारधारा का प्रचार किया, उन्हें देश का सर्वोच्च सम्मान दिया गया। अगर आप इन सभी में तुलना करें तो शिवकुमार स्वामी जी को यह सम्मान जरूर मिलना चाहिए था।”
खड़गे ने आगे कहा, “प्रणव मुखर्जी को भारत रत्न सम्मान दिया जाएगा, मैं इसका स्वागत करता हूं लेकिन शिवकुमार स्वामी जी ने शिक्षा के क्षेत्र में काफी काम किया। उन्होंने अनाथ बच्चों को पढ़ाने और कल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने भारत रत्न अवॉर्ड दिया जाना चाहिए था। हमें इसकी उम्मीद थी।"
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