देश में कोरोना हर दिन एक नया रिकॉर्ड बना रहा है। जितनी तेजी से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं वह बेहद चिंताजनक हैं। ऐसे में सवाल यह है कि आने वाले कुछ महीनों में देश में कैसे हालात होंगे? संक्रमितों की संख्या कहां तक बढ़कर जा सकती है। इस संबंध में भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) ने एक अनुमान लगाया है, जिससे लोगों की चिंता बढ़ सकती है।
आईआईएससी के मुताबिक, अगर देश में ज्यादा हालत नहीं बिगड़े हैं तो सबसे बेहतर स्थिति में मार्च 2021 तक कुल कोरोना मरीजों की संख्या 37.4 लाख तक पहुंच जाएगी और अगर हालात ज्यादा बिगड़े तो और बुरी स्थिति में पहुंचा तो इस दौरान 6.18 करोड़ लोग कोरोना से संक्रमित हो जाएंगे।
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आईआईएससी मॉडल संक्रामक रोगों के गणितीय मॉडलिंग में एक प्रतिमान है। यह देश के कोरोना डाटा और इस साल 23 मार्च से 18 जून के बीच सामने आए कोरोना संक्रमितों पर आधारित है। लेकिन फिलहाल जो देश में कोरोना को लेकर स्थिति है अगर उसके हिसाब से देखा जाए तो अनुमान अलग होने की संभावना है।
आईआईएससी के मुताबिक, मार्च 2021 के अंत तक भारत में कोरोना वायरस के मामले चरम पर नहीं पहुंचने की संभावना है। भारत में कोरोना वयारस सितंबर के दूसरे हफ्ते या अक्तूबर के महीने तक चरम पर पहुंच सकता है।
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आईआईएससी ने अपने अनुमान में कहा है कि अगर बढ़ते कोरोना मामलों पर काबू पाना है तो हर हफ्ते सप्ताह में एक या फिर दो दिन तक लॉकडाउन पर जोर दिया जाना चाहिए। अध्ययन के अनुसार, अगर हर हफ्ते एक या दो दिन का लॉकडाउन और लोगों द्वारा सामाजिक दूरी का पालन किया गया तो संक्रमण में काफी हद तक कमी आ सकती है। अध्ययन में यह भी कहा गया है कि वैक्सीन नहीं होने की वजह से कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग, क्वारंटाइन और सामाजिक दूरी संक्रमण को रोकने के लिए बेहतर विकल्प हैं।
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