नाइजीरिया और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों में रेप के मामले बढ़े हैं तो वहीं पेरू में लापता महिलाओं की संख्या में वृद्धि हुई है। ब्राजील और मेक्सिको में महिलाओं की हत्या की दर ऊपर जा पहुंची। यही नहीं महामारी के दौरान यौन हिंसा की घटनाएं भी कम नहीं हुई हैं। सितंबर के अंत में जारी संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा के मामलों में अर्जेंटीना में 25 प्रतिशत, साइप्रस और फ्रांस में 30 प्रतिशत और सिंगापुर में 33 प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
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अनिवार्य रूप से सभी देशों में कोरोनो वायरस के प्रसार को सीमित करने के उपायों के तहत महिलाएं और बच्चे घर पर सीमित हो गए हैं। अप्रैल में मोरक्को एसोसिएशन ने कहा था, "महिलाओं के लिए घर सबसे खतरनाक जगह है।
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भारत में 33 साल की हिना (बदला हुआ नाम) कहती हैं कि वे घर में घुटन महसूस करती हैं. उनके पति दिन भर घर पर रहते हैं और ड्रग्स का सेवन करते हैं और उसके बाद हिंसा करने लगते हैं। बात करने के दौरान वे कई बार रोने लगती हैं। हिना ने समाचार एजेंसी एएफपी को फोन पर बताया, "ड्रग्स खरीदने के बाद वे पूरा दिन मोबाइल पर गेम खेलकर निकाल देते हैं या फिर मुझसे मारपीट या गाली गलौज करते हैं।"
15 अगस्त को हिना के पति ने उनके साथ मारपीट की और तड़के घर से बाहर कर दिया। मारपीट की घटना सात साल के बच्चे के सामने हुई। हिना बताती हैं, "मेरे पास जाने के लिए कोई जगह नहीं थी, उन्होंने मुझे बहुत मारा था, मैं मुश्किल से हिल पा रही थी।
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हिना अब अपने बच्चे को पाने के लिए कोर्ट में केस लड़ रही हैं। वे कहती हैं, "लेकिन कोरोना वायरस के कारण कोर्ट भी पूरी क्षमता के साथ काम नहीं कर रहे हैं। हिना ने अपने बेटे को पिछले चार महीने से नहीं देखा है।
दूसरी तरफ ब्राजील में साल के शुरुआती छह महीनों में 648 महिलाओं की हत्या के मामले रिकॉर्ड किए गए। सार्वजनिक सुरक्षा के लिए ब्राजीलाई फोरम के मुताबिक यह 2019 के मुकाबले थोड़ा बढ़ा है। सरकार ने महिलाओं से अपराध को दर्ज कराने के लिए अभियान चलाया है लेकिन फोरम के मुताबिक यह पर्याप्त नहीं है।
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संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि आठ में से केवल एक देश ने महिलाओं और बच्चों पर महामारी के प्रभाव को कम करने के उपाय पर काम किया है। स्पेन में पीड़ित महिलाएं "मास्क-19" कोड शब्द का इस्तेमाल कर फार्मेसियों में मदद मांग सकती हैं।
हर साल 25 नवंबर महिलाओं के खिलाफ हिंसा के उन्मूलन के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस के तौर पर मनाया जाता है, हालांकि इस बार कोविड-19 महामारी के कारण लगाए गए प्रतिबंधों से कई जगह कार्यक्रम नहीं हो रहे हैं।
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