महिला कांग्रेस ने तय किया है कि इस नारे के इर्द-गिर्द तैयार अभियान को राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के तहत एक प्रश्नावली बनाई गई है, जिसमें आम महिलाओं से पूछा जाएगा कि वे मौजूदा दौर में खुद को कितना सुरक्षित महसूस करती हैं। साथ ही परिवार की खुशहाली, आजीविका, बीजेपी शासन में बढ़ते अपराध और स्वास्थ्य से जुड़े प्रश्न भी महिलाओं से पूछे जाएंगे।
महिला कांग्रेस का कहना है कि इस अभियान को चारों राज्यों में चलाने का ब्लू प्रिंट तैयार किया जा रहा है। महिला कांग्रेस अध्यक्ष सुष्मिता देव के मुताबिक इस अभियान का मकसद ‘देश की मां-बहनों की सुरक्षा, संरक्षण और अच्छे दिन के खोखले वादों पर बीजेपी की नाकामी को उजागर करते हुए इस नारे की जमीनी पड़ताल करना है।‘ उनका कहना है कि इसके तहत महिलाओं के खिलाफ बलात्कार और हिंसा जैसे मामलों में हुई बढ़ोत्तरी से महिलाओं में घर करती असुरक्षा की भावना को सामने लाना है।
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सुष्मिता देव का कहना है कि, “इस सिलसिले को आने वाले महीनों में और व्यापक बनाया जाएगा। लाखों महिलाओं के हाथों के छापे लिए जाएंगे। उनके ऑडियो रिकार्ड किए जाएंगे। इसके बाद दिसंबर माह में दिल्ली में महिला कांग्रेस की ओर से महिला कांग्रेस की महारैली होगी। इस रैली के बाद प्रधानमंत्री मोदी को देशभर की महिलाओं की ओर से मिले ये सारे दस्तावेज प्रधानमंत्री मोदी को सौंपे जाएंगे।“
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के भी इस रैली को संबोधित करने की संभावना है।
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