संसद का शीतकालीन सत्र आज 7 दिसंबर यानी आज से शुरू हो रहा है। 29 दिसंबर को सत्र खत्म होगा। इस सत्र में 17 बैठकें होंगी। वहीं आज विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर सदन के शीतकालीन सत्र के पहले दिन संसद को संबोधित करेंगे। वे शीतकालीन सत्र में सरकार की योजनाओं और नीतियों को सदन में रखेंगे।
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इससे पहले संसद के शीतकालीन सत्र को लेकर सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दलों ने भारत- चीन सीमा के हालात, लगातार बढ़ रही महंगाई, कश्मीरी पंडितों के ऊपर हो रहे हमलों, संघीय ढांचे, आरक्षण, ईडब्ल्यूएस कोटे और संवैधानिक संस्थानों के दुरुपयोग सहित कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार से सदन में चर्चा कराने की मांग की। विपक्षी दलों ने सरकार द्वारा लाए जा रहे विधेयकों पर भी चर्चा का पर्याप्त समय देने की मांग की।
कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने बताया कि सरकार को भारत-चीन सीमा के वास्तविक हालात की जानकारी सदन को देनी चाहिए। उन्होंने बेरोजगारी और महंगाई को देश के लिए सबसे बड़ा मुद्दा बताते हुए कहा कि वे देश के माहौल, सरकार और न्यायपालिका के बीच टकराव, सरकारी एवं संवैधानिक प्रतिष्ठान का बेजा इस्तेमाल, कश्मीर में हिंदू पंडितों के ऊपर लगातार बढ़ रहे हमले, किसानों के साथ एमएसपी को लेकर किए गए वादे को पूरा करने, देश के संघीय ढांचे पर हो रहे प्रहार जैसे मुद्दों पर सदन में चर्चा चाहते हैं।
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अधीर रंजन चौधरी ने सरकार द्वारा लाए जा रहे विधेयकों और आइटम्स की संख्या पर सवाल उठाते हुए पूछा कि 17 दिनों के छोटे से सत्र में 24-25 आइटम्स पर चर्चा कैसे हो सकती है। उन्होंने सरकार से बिल पर चर्चा के लिए विपक्ष को पर्याप्त समय देने की भी मांग की। सरकार से आश्वासन मिलने के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि उनका जवाब अब महज औपचारिकता ही बन कर रह गया है कि वो हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं।
सर्वदलीय बैठक में अकाली दल ने पंजाब में बढ़ रहे नशे और किसानों का मुद्दा उठाया। बीजू जनता दल ने महिला आरक्षण और कोलेजियम का मुद्दा उठाया। तृणमूल कांग्रेस ने जांच एजेंसियों के दुरुपयोग और राज्यों की आर्थिक समस्याओं का मुद्दा उठाते हुए विपक्ष को अहम मुद्दे उठाने देने की अनुमति देने की मांग की।
सरकार की तरफ से बोलते हुए केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। नियमानुसार होने और स्पीकर/अध्यक्ष की अनुमति मिलने पर सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। बैठक में राजनीतिक दलों की तरफ से कई सुझाव आए हैं जिनपर बीएससी की बैठक में निर्णय लिया जाएगा।
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