तृणमूल कांग्रेस के दो राज्यसभा सांसदों डेरेक ओ ब्रायन और सागरिका घोषण ने विपक्ष की उस मांग की तरफ राज्यसभा के सभापति का ध्यान आकर्षित किया जिसमें केंद्रीय गृह मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा की मांग की गई थी। इन सांसदों ने संसद के बजट सत्र में ही, जिसका संभवत: 12 अगस्त को अवसान हो जाएगा. सरकार के सर्वशक्तिशाली गृह मंत्रालय के बारे में चर्चा की मांग उठाई है। हालांकि लोकसभा में भी इसी तरह की मांग उठाई गई है लेकिन अभी तक इस बाबत चर्चा का समय निश्चित नहीं किया गया है, और संभवत: राज्यसभा में भी ऐसा ही होगा। इसी संदर्भ में इस मांग को दोहराया गया।
क्या पाठकों को याद है कि संसद में गृह मंत्रालय के कामकाज पर आखिरी बार कब चर्चा हुई थी? या फिर कब गृह मंत्री ने अपने मंत्रालय से जुड़े सवालों के जवाब दिए थे? ज्यादातर लोगों को याद नहीं है, लेकिन एक बात तो तय है कि गृह मंत्रालय सरकार का बेहद अहम मंत्रालय है। इस मंत्रालय के जिम्मे सिर्फ केंद्रीय बलों या देश की पुलिस का ही जिम्मा नहीं है, इसके काम में विदेशियों के मामले, नागरिकता से जुड़े केस, मानवाधिकार, महिला सरक्षा, सरकारी भाषाओं से जुड़े मामले, केंद्र-राज्य रिश्ते, राज्यों के राज्यों के साथ रिश्ते, केंद्र शासित प्रदेशों का शासन, जेल सुधार आदि भी इसके अधीन हैं।
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केंद्रीय गृह मंत्रालय ही देश की आंतरिक सुरक्षा और सीमा प्रबंधन के लिए भी जिम्मेदार होता है। इस मंत्रालय में काम करने वालों की संख्या भी अन्य मंत्रालयों के मुकाबले अधिक होती है।
इस सबके बावजूद इस मंत्रालय के कामकाज या प्रदर्शन पर चर्चा को लेकर सरकार की दिलचस्पी नहीं नजर आ रही है। इस विषय पर तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने लिखा कि, “विपक्ष के 16 दलों ने गृह मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा की मांग की है। यह एक उच्च प्राथमिकता का मामला है। राज्यसभा राज्यों की सभा है और हर राज्य को गृह मंत्रालय से काम होता है। हम चाहते हैं कि गृह मंत्रालय के साथ संवाद हो।” उन्होंने आगे कहा कि, “मैं सभापति से अपील करता हूं कि इस बारे में देर न करें। हम गृह मंत्री से बात करना चाहते हैं उन्हें सुनना चाहते हैं।”
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तृणमूल कांग्रेस की राज्यसभा सांसद सागरिका घोष ने भी एक्स पर लिखा, “वर्तमान में संसद में 8 मंत्रालयों पर चर्चा हो रही है, दोनों सदनों में चर्चा होगी। विपक्षा एक सुर में गृह मंत्रालय पर भी चर्चा की मांग कर रहा है। बहुत से आवश्यक मुद्दे हैं मंत्रालय को लेकर जिन पर चर्चा की जरूरत है।”
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इंडिया गठबंधन में शामिल 15 विपक्षी दलों की इस मांग में बीजू जनता दल भी शामिल है, लेकिन भारतीय राष्ट्र समिति (बीआरएस) और वाईएसआर कांग्रेस ने खुद को इससे अलग रखा है। इस मुद्दे को तृणमूल कांग्रेस ने बुधवार को हुई संसद कार्य सलाहकार समिति की बैठक में भी इस मुद्दे को रखा था और गुरुवार को राज्यसभा के चेयरमैन जगदीप धनखड़ को पत्र भी लिखा था।
बता दें कि बजट सत्र में अब तक राज्यसभा में शहरी और आवास मंत्रालय, कृषि मंत्रालय पर चर्चा हुई है। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने नवीन ऊर्जा मंत्रालय पर चर्चा कराए जाने का भी ऐलान किया है, लेकिन गृह मंत्रालय पर चर्चा की मांग पर पर अभी तक खामोशी अपनाई हुई है।
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