पाकिस्तान के बालाकोट में इसी साल 25-26 फरवरी की रात भारत ने हवाई हमला किया था। इस मिशन के प्रमुख एयर मार्शल हरि कुमार एयर स्ट्राइक के दो दिन बाद रिटायर हो गए थे। उन्होंने पहली बार किसी अखबार से इस हमले के बारे में बात की है। दैनिक भास्कर से बातचीत में एयर मार्शल हरि कुमार ने इस मिशन के बारे में काफी जानकारियां साझा कीं। उन्होंने बातचीत में बताया कि जिस रात बालाकोट में हमला होना था, उस रात उनके रिटायरमेंट की पार्टी थी और उनका जन्मदिन भी था। उन्होंने बताया कि किसी को शक न हो, इसलिए वे पार्टी में शामिल हुए और वेटर से व्हिस्की जैसा दिखने वाला जूस पीने लगे।
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उन्होंने बताया कि 14 फरवरी को पुलवामा में हमले वाले दिन ही वायु सेना प्रमुख ने उनसे बात की थी और कहा था कि हो सकता है वायुसेना की जरूरत हो, इसलिए तैयारियां शुरु कर दी जाएं। उन्होंने बताया कि सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक में एयर चीफ भी थे और उन्होंने एयर स्ट्राइक करने का सुझाव दिया था।
एयर मार्शल हरि कुमार ने बताया कि उन्हें बालाकोट पर हमला करने के लिए 7 दिन पहले तैयारी करने को कहा गया था और खास टारगेट दिए गए थे। उन्होंने कहा कि 25-26 फरवरी की रात दिल्ली में इंडिया गेट पर आकाश मैस में रिटायरमेंट पार्टी थी। उन्होंने बताया कि, “मैं इस पार्टी में शामिल हुआ। इस पार्टी में करीब 80 अफसर थे। एयर चीफ बीएस धनोआ मुझे लॉन की तरफ ले गए। मुझसे अंतिम तैयारियों के बारे में पूछा और कहा कि जब ऑपरेशन हो जाए तो फोन पर सिर्फ ‘बंदर’ बोल देना।“
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उन्होंने बताया कि अगले दिन उन्हें अपनी पत्नी के साथ चंडीगढ़ में एक कार्यक्रम में शामिल होना था, लेकिन पार्टी से रात में वेस्टर्न कमांड लौटते हुए उन्होंने अपनी पत्नी से कहा कि वे नहीं जा सकेंगे। इस पर उनकी पत्नी नाराज हो गई थीं। उन्होंने बताया कि वेस्टर्न कमांड पहुंचकर वह किसी जरूरी काम का बहाना कर ऑपरेशन रूम में पहुंच गया।
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एयर मार्शल हरि कुमार ने बताया कि इसी बीच उनके दोस्त केक आदि लेकर उनका बर्थडे मनाने घर पहुंच गए थे। वे फौरन घर पहुंचे। बर्थडे पार्टी में शामिल हुए और फिर ऑपरेशन रूम आ गए। उन्होंने बताया कि वायुसेना के पास पक्की खबर थी कि बालाकोट में लश्कर के आतंकी हैं और वे सुबह तीन बजे के आसपास अपने बिस्तरों में होते हैं। उन्होंने कहा था उस रात चांदनी भी थी जो सटीक बमबारी में बेहद सहायक साबित होती है। उन्होंने बताया कि दिल्ली एयरपोर्ट के राडार में वायुसेना के विमानों दिखने पर कोई हड़बड़ी वाली प्रतिक्रिया न हो इसके लिए वायु सेना के एक अधिकारी को विशेष सरकारी दूत के साथ भेजा गया, ताकि इसे रोका जा सके। उन्होंने कहा कि एक मौका आया था जब ऑपरेशन रूम में तनाव बढ़ गया था क्योंकि जब हमारे लड़ाकू विमान बालाकोट की तरफ बढ़ रहे थे, तभी हमने देखा कि पाकिस्तानी वायुसेना का एक लड़ाकू विमान और एक टोही विमान हवा में है। इन विमानों का ध्यान भटकाने के लिए हमने दो सुखोई-30 और चार जगुआर विमानों को बहावलपुर की ओर तेजी से रवाना किया। इन विमानों की मूवमेंट देख पाकिस्तानी विमान उनकी ओर लपके और खतरा टल गया।
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उन्होंने बताया कि इस बीच हमारे फाइटर ने पोजिशन ली और पहली एयरस्ट्राइक 3 बजकर 28 मिनट पर हुई और चार बजे तक मिशन पूरा हो गया था। सभी लड़ाकू विमान सुरक्षित लौटकर पश्चिमी कमान के दो अड्डों पर उतर गए।
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