भारत समेत पूरी दुनिया में पिछले कुछ दिनों में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट के मामलों में उछाल देखने को मिला है। सवाल यह है कि आखिर कोरोना के मामले बढ़ क्यों रहे हैं। इस मुद्दे पर डब्ल्यूएचओ की प्रतिक्रिया आई है। डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस एडनोम घेबियस ने कहा कि छुट्टियों की सभाओं और विश्व स्तर पर प्रभावी जेएन.1 वेरिएंट ने दिसंबर में दुनियाभर में कोविड-19 के प्रसार को बढ़ावा दिया।
घेब्रेयसस ने बुधवार को जिनेवा में एक वर्चुअल प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि दिसंबर में डब्ल्यूएचओ को कोविड-19 से लगभग 10,000 मौतों की सूचना दी गई, जबकि अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या में 42 प्रतिशत की वृद्धि हुई और पिछले महीने की तुलना में आईसीयू में भर्ती होने वालों की संख्या में 62 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
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समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य एजेंसी के महानिदेशक ने कहा कि रुझान 50 से भी कम देशों द्वारा साझा किए गए डेटा से प्राप्त हुए हैं, इनमें से ज्यादातर यूरोप और अमेरिका में हैं, उनका मानना है कि अन्य देशों में वृद्धि दर्ज नहीं की जा रही है।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि हालांकि कोविड-19 अब वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल नहीं है, फिर भी वायरस फैल रहा है, बदल रहा है और लोगों की जान ले रहा है। डब्ल्यूएचओ की कोविड-19 की तकनीकी प्रमुख मारिया वान केरखोव ने दुनिया भर में श्वसन संबंधी बीमारियों में वृद्धि के लिए कोरोना वायरस, फ्लू, राइनोवायरस और निमोनिया को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि उत्तरी गोलार्ध में सर्दियों के महीनों के दौरान ये रुझान जनवरी तक जारी रहेंगे।"
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