किसान आंदोलन को सुलझाने के लिए मंगलवार को साढ़े तीन बजे विज्ञान भवन में किसान नेताओं के साथ बैठक करने के लिए मोदी सरकार के तीन मंत्री पहुंचे। सरकार की तरफ से बातचीत की कमान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के प्रभारी मंत्री पीयूष गोयल और कॉमर्स मिनिस्ट्री के राज्यमंत्री सोम प्रकाश ने संभाली। जबकि पहले चर्चा थी कि मोदी सरकार के दो सबसे शीर्ष मंत्री गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी इस बैठक में शामिल हो सकते हैं।
आखिर दोनों बड़े मंत्री क्यों इस बैठक में नहीं शामिल हुए? आईएएनएस ने कारणों की तलाश की तो सरकार और बीजेपी संगठन के सूत्रों ने अहम बात बताई।
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सूत्रों का कहना है कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर दिन में 11:30 बजे से 2:45 बजे तक चली कई राउंड की बैठक में किसानों के साथ बातचीत के लिए कई संभावनाओं पर चर्चा हुई। तय हुआ कि एक साथ सरकार के सभी बड़े मंत्रियों को किसानों की बैठक में इन्वॉल्व करना ठीक नहीं होगा।
दरअसल किसानों की अपनी मांगों को लेकर जिद देख कर सरकार को समझ में आया कि अगर शुरूआती बैठक किन्ही कारणों से सफल नहीं होती है, तो फिर आगे शीर्ष मंत्रियों के तौर पर अमित शाह और राजनाथ का कमान संभालना ठीक रहेगा। सरकार के रणनीतिकारों ने तय किया कि एक साथ सारे हथियार इस्तेमाल करना उचित नहीं है।
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मोदी सरकार अमित शाह और राजनाथ के रूप में अभी आखिरी दांव बचाकर रखना चाहती है। इसलिए किसानों से बातचीत के लिए सिर्फ तीन मंत्री भेजे गए। सरकार और संगठन के सूत्रों का कहना है कि अगर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर, पीयूष गोयल और केंद्रीय राज्य मंत्री सोम प्रकाश विज्ञान भवन की बैठक में किसानों को समझाने में सफल रहे तो ठीक है, नहीं तो आगे चलकर गृहमंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह मोर्चा संभाल सकते हैं। आज की बैठक से सरकार को किसानों का मूड भांपने में आसानी होगी।
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