अमेरिकी अभियोजकों ने खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की कथित हत्या की नाकाम साजिश में रॉ के पूर्व सीनियर फील्ड अधिकारी विकास यादव के खिलाफ आरोप लगाए हैं। संघीय अभियोजकों ने दावा किया कि अधिकारी की पहचान 39 वर्षीय विकास यादव के रूप में हुई है। यादव कैबिनेट सचिवालय में कार्यरत था जहां भारत की विदेशी खुफिया सेवा अनुसंधान एवं विश्लेषण विंग (रॉ) का मुख्यालय है।
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विकास यादव अब सरकारी कर्मचारी नहीं है। उस पर तीन आरोप लगाए गए हैं, जिनमें भाड़े के अपराधियों की मदद से हत्या को अंजाम देने का प्रयास और धन शोधन की साजिश शामिल है।
बृहस्पतिवार को जारी 18 पन्नों के अभियोग पत्र में यादव की सैन्य पोशाक में एक तस्वीर है और न्यूयॉर्क में एक कार में दो व्यक्तियों द्वारा डॉलर का आदान-प्रदान करने की तस्वीर भी है, जिसके बारे में संघीय अभियोजकों कहना है कि इस तस्वीर में दिख रहा व्यक्ति गुप्ता और यादव की ओर से न्यूयॉर्क में सिख अलगाववादी नेता की हत्या के लिए कथित हत्यारे को पैसे दे रहा था। तस्वीर नौ जून, 2020 की है। अभियोग पत्र में अमेरिकी नागरिक एवं सिख अलगाववादी का नाम नहीं लिखा गया है।
अभियोग में आरोप लगाया गया है कि विकास यादव ने निखिल गुप्ता के साथ मिलकर 2023 की गर्मियों में सिख अलगाववादी नेता की हत्या की साजिश रची थी। निखिल गुप्ता ने भाड़े पर एक व्यक्ति को इस हत्या को अंजाम देने का काम सौंपा था।
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भारत सरकार ने अमेरिकी धरती पर किसी अमेरिकी नागरिक की हत्या की ऐसी किसी साजिश में अपनी संलिप्तता से इनकार किया है। अमेरिका के आरोपों के बाद भारत ने मामले की जांच के लिए एक जांच समिति गठित की थी। अमेरिका ने इस मामले में भारत के सहयोग पर संतोष जताया है।
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यह सारा घटनाक्रम तब का है जब राष्ट्रपति जो बाइडन ने प्रधानमंत्री मोदी को 22 जून को ऐतिहासिक राजकीय यात्रा पर आमंत्रित किया था। अभियोग के अनुसार, विकास यादव ने गुप्ता और किराए के हत्यारे को राजकीय यात्रा से ठीक पहले या उस दौरान काम नहीं करने के लिए कहा था।
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