विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बुधवार को भारत में स्वदेशी रूप से विकसित कोविड वैक्सीन, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को आपातकालीन उपयोग के सूचीकरण की मंजूरी दे दी। वैश्विक स्वास्थ्य समूह के तकनीकी सलाहकार समूह (टीएजी) ने इस बारे में अपना फैसला सुनाया।
डब्ल्यूएचओ ने एक ट्वीट में कहा, "डब्ल्यूएचओ ने भारत बायोटेक द्वारा विकसित कोवैक्सीन को आपातकालीन उपयोग सूची (ईयूएल) में शामिल किया है। इससे डब्ल्यूएचओ द्वारा कोविड-19 की रोकथाम के लिए मान्य टीकों का पोर्टफोलियो बढ़ा है।"
Published: undefined
बताया जाता है कि विश्व स्वास्थ्य संगछन की आपातकालीन सूची में देरी हो गई, क्योंकि टीएजी ने अंतिम जोखिम मूल्यांकन के लिए टीके निर्माताओं से कुछ अतिरिक्त जानकारी मांगी थी। टीएजी की अंतिम बैठक 27 अक्टूबर को हुई थी और वैक्सीन निर्माताओं से अतिरिक्त डेटा प्राप्त करने के बाद अंतिम जोखिम मूल्यांकन करने पर ही इसके इस्तेमाल पर सहमति जताई थी।
Published: undefined
कोवैक्सीन को हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक द्वारा सरकार की भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के सहयोग से विकसित किया गया है। इसे जनवरी में देश में आपातकालीन उपयोग के लिए मान्यता दी गई थी। कोवैक्सीन को रोगसूचक कोविड-19 के खिलाफ 77.8 प्रतिशत प्रभावशीलता और नए डेल्टा संस्करण के खिलाफ 65.2 प्रतिशत सुरक्षित माना गया है। भारत बायोटेक ने कहा कि उसने तीसरे चरण के परीक्षणों से कोवैक्सीन प्रभावकारिता के अंतिम विश्लेषण का निष्कर्ष निकाला है।
वैश्विक स्वास्थ्य निकाय ने अब तक कोविड-19 के खिलाफ आपातकालीन उपयोग के लिए फाइजर-बायोएनटेक, एस्ट्राजेनेका-एसके बायो/सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, जॉनसन 7 जॉनसन - जेनसेन, मॉडर्ना और साइनोफॉर्म के कोविड-19 टीकों को मंजूरी दी है।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined