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किसने खरीदे अरबों रुपए के इलेक्टोरल बॉन्ड, और किस पार्टी ने कब भुनाया इसे, चुनाव आयोग ने जारी किया विवरण

चुनाव आयोग ने आखिरकार यह ब्योरा सार्वजनिक कर दिया है कि किसने करोड़ों रुपए के इलेक्टोरल बॉन्ड कब खरीदे, और किस राजनीतिक दल ने इन्हें कब भुनाया। इस बाबत दो भागों में आयोग ने एसबीआई से मिला सारा ब्योरा अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है।

इस साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड में चुनाव आयोग की झांकी भी शामिल की गई थी (फोटो - Getty Images)
इस साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड में चुनाव आयोग की झांकी भी शामिल की गई थी (फोटो - Getty Images) Hindustan Times

चुनाव आयोग ने आखिरकार गुरुवार (14 मार्च, 2024) इलेक्टोरल बॉन्ड के आंकड़े सार्वजनिक कर दिये। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने दो दिन पहले 12 मार्च को आयोग के साथ आंकड़े साझा किये थे। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को उसकी वेबसाइट पर आंकड़े अपलोड करने के लिए 15 मार्च शाम पांच बजे तक का समय दिया था।

चुनाव आयोग ने ‘एसबीआई द्वारा दिए गए इलेक्टोरल बॉन्ड के विवरणों को’ को दो भागों में अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया है। इसके साथ जारी विज्ञप्ति में चुनाव आयोग ने कहा है कि सारा विवरण 'जैसा है, जहां है' आधार पर अपलोड किया गया है। इसके लिए आयोग ने इन विवरणों का लिंक भी शेयर किया है, जिसके जरिए इसे देखा जा सकता है।

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चुनाव आयोग द्वारा अपलोड किए गए आंकड़ों के अनुसार, इलेक्टोरल बॉन्ड के खरीदारों में ग्रासिम इंडस्ट्रीज, मेघा इंजीनियरिंग, पीरामल एंटरप्राइजेज, टोरेंट पावर, भारती एयरटेल, डीएलएफ कमर्शियल डेवलपर्स, वेदांता लिमिटेड, अपोलो टायर्स, लक्ष्मी मित्तल, एडलवाइस, पीवीआर, केवेंटर, सुला वाइन, वेलस्पन, और सन फार्मा शामिल हैं।

आंकड़ों के मुताबिक इलेक्टोरल बॉन्ड भुनाने वाली पार्टियों में भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, एआईएडीएमके, बीआरएस, शिवसेना, टीडीपी, वाईएसआर कांग्रेस, द्रमुक, जेडीएस, एनसीपी, तृणमूल कांग्रेस, जेडीयू, आरजेडी, आप और समाजवादी पार्टी शामिल हैं।

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चुनाव आयोग द्वारा विवरण के मुताबिक इंटरग्लोब एविएशन और स्पाइसजेट इलेक्टोरल बॉन्डखरीदने वाली कंपनियों में शामिल हैं। जारी आंकड़ों से पता चलता है कि तीन इंटरग्लोब इकाइयों ने 36 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे थे। देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो का संचालन करने वाली कंपनी इंटरग्लोब एविएशन ने चार अक्टूबर, 2023 को पांच करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे थे। आंकड़ों के मुताबिक, इंटरग्लोब एयर ट्रांसपोर्ट ने 11 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे जबकि इंटरग्लोब रियल एस्टेट वेंचर्स ने 20 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे थे। दोनों इकाइयों ने 10 मई, 2019 को बॉन्ड खरीदे। इसके अलावा इंडिगो की प्रवर्तक कंपनी ने सात अप्रैल, 2021 को 20 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे थे।

इसकेअलावा यह भी सामने आया है कि स्पाइसजेट ने तीन अलग-अलग मौकों पर 65 लाख रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे। स्पाइसजेट ने ये बॉन्ड आठ जनवरी, 2021, नौ अप्रैल, 2021 और नौ जुलाई, 2021 को खरीदे। इंटरग्लोब और स्पाइसजेट की ओर से इस सूचना पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।

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सुप्रीम कोर्ट के पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 15 फरवरी को दिए गए एक ऐतिहासिक फैसले में बेनामी राजनीतिक फंडिग की इजाजत देने वाली केंद्र की मोदी सरकार की इलेक्टोरल बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया था। पीठ ने इसे “असंवैधानिक” कहा था और चुनाव आयोग को दानदाताओं, उनके द्वारा दान की गई राशि और प्राप्तकर्ताओं का खुलासा करने का आदेश दिया था।

(पीटीआई-भाषा के इनपुट के साथ)

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