भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक, पूरे देश में इस साल जून से सितंबर तक दक्षिण-पश्चिम मानसून की मौसमी बारिश सामान्य और सुविरित रहने की संभावना है। देशभर में कुल मिलाकर इन चार महीनों की अवधि में पश्चिम मानसून मौसमी वर्षा के सामान्य रहने (दीर्घ अवधि औसत (एलपीए) का 96 प्रतिशत से 104 प्रतिशत) की बहुत संभावना है।
Published: 02 Jun 2021, 8:45 AM IST
आईएमडी के राष्ट्रीय मौसम पूवार्नुमान केंद्र ने कहा है कि मात्रा के हिसाब से, देश भर में कुल मिलाकर मानसून (जून से सितंबर) मौसमी वर्षा के 4 प्रतिशत कम/ज्यादा की मॉडल त्रुटि के साथ दीर्घ अवधि औसत (एलपीए) का 101 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
Published: 02 Jun 2021, 8:45 AM IST
देश भर में कुल मिलाकर 1961-2010 की अवधि के लिए मौसमी वर्षा का एलपीए 88 सेमी है। चार समरूप वर्षा में दक्षिण पश्चिम मानसून (जून से सितंबर) मौसमी वर्षा के उत्तर पश्चिम भारत (92-108 प्रतिशत) और दक्षिण प्रायद्वीप (93-107 प्रतिशत) में सामान्य रहने की बहुत संभावना है। मौसमी वर्षा के पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से कम रहने का अनुमान है जबकि मध्य भारत में सामान्य से अधिक रहने का अनुमान है।
Published: 02 Jun 2021, 8:45 AM IST
मानसून कोर जोन, जिसमें देश के अधिकांश वर्षा पूरित कृषि क्षेत्र शामिल हैं, में दक्षिण पश्चिम मानसून (जून से सितंबर) मौसमी वर्षा के सामान्य से अधिक रहने का अनुमान है। मानसून मौसमी वर्षा के स्थानिक रूप से सुवितरित होने का अनुमान है। देश के अधिकांश क्षेत्रों में मौसम के दौरान सामान्य तथा सामान्य से अधिक वर्षा प्राप्त होने का अनुमान है।
Published: 02 Jun 2021, 8:45 AM IST
नवीनतम वैश्विक मॉडल अनुमानों से संकेत मिलता है कि व्याप्त तटस्थ ईएनएसओ स्थितियों के विषवतरेखीय प्रशांत महासागर में जारी रहने तथा मानसून सीजन के दौरान हिन्द महासागर में नकारात्मक आईओडी स्थितियों के विकास की संभावना का अनुमान है।
Published: 02 Jun 2021, 8:45 AM IST
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: 02 Jun 2021, 8:45 AM IST