प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विवादित कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा के बाद यह सवाल पूछा जा रहा है कि दिल्ली की सीमाओं से किसान आखिर कब अपने घरों को लौटेंगे। कृषि कानूनों को रद्द किए जाने के बाद भी इस सवाल का किसान नेता राकेश टिकैत ने जवाब दिया। एक बार फिर राकेश टिकैत ने इस तरह की कई सवालों का जवाब दिया है।
Published: 20 Nov 2021, 9:03 AM IST
किसान नेता राकेश टिकैत से जब यह पूछा गया कि आखिर किसान कब दिल्ली की सीमाओं से हटेंगे? इस पर उन्होंने कहा, “एमएसपी भी एक बड़ा सवाल है, उस पर भी कानून बन जाए, क्योंकि किसान जो फसल बेचता है, उसे वह कम कीमत पर बेचता है, जिससे बड़ा नुकसान होता है।”
Published: 20 Nov 2021, 9:03 AM IST
राकेश टिकैत ने कहा, “अभी बातचीत करेंगे, यहां से कैसे जाएंगे। अभी बहुत से कानून सदन में हैं, उन्हें फिर ये लागू करेंगे। उसपर हम बातचीत करना चाहते हैं। आज संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग है। जो भी उसमें निर्णय लिया जाएगा उसके बाद ही हम कोई बयान देंगे।”
Published: 20 Nov 2021, 9:03 AM IST
राकेश टिकैत ने कहा कि पीएम इतना मीठा भी नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि 750 किसान शहीद हुए, 10 हजार केस दर्ज हैं। बिना बातचीत के कैसे चले जाएं। पीएम मोदी ने इतनी मीठी भाषा का इस्तेमाल किया है कि शहद को भी फेल कर दिया। उन्होंने कहा कि हलवाई को तो ततैया भी नहीं काटता। वह ऐसे ही मक्खियों को उड़ाता रहता है।
उन्होंने ने आगे कहा कि जो मीठी भाषा का इस्तेमाल हो रहा है, उसको बातचीत में डाल दो। राज्यों में विधानसभा चुनाव करीब देख प्रधानमंत्री ने कानून वापसी का ऐलान किया? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि हमें क्या पता क्या वजह है। वापस लेने की वजह में हम नहीं जानना चाहते। हम चाहते हैं कि हमारा काम हो जाए।
Published: 20 Nov 2021, 9:03 AM IST
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Published: 20 Nov 2021, 9:03 AM IST