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जब कोविड त्रासदी में लोग थे बेहाल, उस समय आंकड़ों की बाजीगरी पर था सरकार का सारा जोर: प्रियंका गांधी

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट करके कहा कि कोविड त्रासदी के दौरान जब करोड़ों लोग अपने परिजनों के लिए ऑक्सीजन, दवाइयां और हॉस्पिटल बेड की गुहार लगा रहे थे, उस समय सरकार का सारा जोर आंकड़ों की बाजीगरी पर था। देशवासियों को पता लगना चाहिए कि आखिर सच्चाई क्या है?

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

WHO द्वारा कोविड की मौतों पर डेटा जारी करने के बाद मोदी सरकार सवालों के घेरे में है। कांग्रेस लगातार मोदी सरकार पर हमला बोल रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बाद अब प्रियंका गांधी ने ट्वीट करके कहा कि कोविड त्रासदी के दौरान जब करोड़ों लोग अपने परिजनों के लिए ऑक्सीजन, दवाइयां और हॉस्पिटल बेड की गुहार लगा रहे थे, उस समय सरकार का सारा जोर आंकड़ों की बाजीगरी पर था। देशवासियों को पता लगना चाहिए कि आखिर सच्चाई क्या है?

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इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए ट्वीट किया, "कोविड महामारी के कारण सरकार के दावे के अनुसार 4.8 लाख नहीं बल्कि 47 लाख भारतीयों की मौत हुई। विज्ञान झूठ नहीं बोलता, मोदी बोलते हैं। उन परिवारों का सम्मान करें जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। 4 लाख रुपये का मुआवजा अनिवार्य कर उनका समर्थन करें।"

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भारत ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के उस दावे का खंडन किया, जिसमें विश्व स्वास्थ्य निकाय ने कहा है कि भारत में कोविड-19 की वजह से 47 लाख लोगों ने जान गंवाई है। ये संख्या भारत की ओर से जारी आधिकारिक आंकड़ों से करीब 10 गुना ज्यादा है।

वही विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि 2021 के अंत तक वैश्विक स्तर पर लगभग 1.5 करोड़ मौतें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोविड-19 महामारी से जुड़ी थीं।

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि अधिकांश अतिरिक्त मौतें (84 प्रतिशत) दक्षिण-पूर्व एशिया, यूरोप और अमेरिका में केंद्रित थीं और विश्व स्तर पर केवल दस देशों में लगभग 68 प्रतिशत थीं। मध्य-आय वाले देशों में 14.9 मिलियन अतिरिक्त मौतों में से 81 प्रतिशत थीं, जबकि उच्च-आय और निम्न-आय वाले देशों में क्रमश: 15 और 4 प्रतिशत का हिसाब था।

वैश्विक मृत्यु दर महिलाओं (43 प्रतिशत) की तुलना में पुरुषों (57 प्रतिशत) और वृद्ध वयस्कों में अधिक थी।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने डब्ल्यूएचओ के इस मॉडल के आधार पर अधिक मृत्यु दर अनुमान लगाने के लिए अपनाई गई कार्यप्रणाली पर आपत्ति जताई है।

मंत्रालय ने कहा, "इस मॉडलिंग अभ्यास की प्रक्रिया, कार्यप्रणाली और परिणाम पर भारत की आपत्ति के बावजूद, डब्ल्यूएचओ ने भारत की चिंताओं को पर्याप्त रूप से संबोधित किए बिना अतिरिक्त मृत्यु दर अनुमान जारी किया है।"

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