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जब चुनाव आयोग ने सवाल को बताया 'आरोप', फिर कहा- कोई भी हो, चुनाव संहिता का उल्लंघन करने वाले पर होगी कार्रवाई

चुनाव आयोग ने आदर्श चुनाव संहिता पर पक्षपात के बारे में पूछे गए सवाल को 'आरोप' कहते हुए जवाब दिया कि इस मामले में कोई भी हो, उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।

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Getty Images SAJJAD HUSSAIN

चुनाव आयोग ने शनिवार को इस साल होने वाले लोकसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान किया। तारीखों के ऐलान के बाद पत्रकारों के सवालों के जवाब में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कई किस्म के वादे- ऐलान किए। उन्होने आदर्श चुनाव संहिता का सख्ती से पालन करने की बात कई बार दोहराई और कहा कि हेट स्पीच जैसे मुद्दों पर कड़ाई से निपटा जाएगा।

इसी संबंध में नेशनल हेरल्ड संवाददाता ऐशलिन मैथ्यू ने मुख्य चुनाव आयुक्त से सवाल पूछा कि जहां जब बात प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृहमंत्री जैसे सत्तारूढ़ दल के नेताओं द्वारा दिए गए भाषणों में आपत्तिजनक टिप्पणियों और आदर्श चुनाव संहिता के उल्लंघन का मामला आता है, तो चुनाव आयोग कुछ नहीं करता, जबकि विपक्ष के नेताओं को नोटिस आदि जारी करता है।

इसके जवाब में मुख्य चुनाव आयुक्त ने सवाल को आरोप बताते हुए कहा कि, 'वैसे यह सवाल नहीं आरोप है, लेकिन जब भी आदर्श चुनाव संहिता के उल्लंघन का मामला सामने आएगा, उसे सहन नहीं किया जाएगा, हम चुप नहीं बैठेंगे, एक्शन लेंगे, वह कोई भी व्यक्ति हो, किसी भी ऊंचे पद पर बैठा हो....।’ मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि चुनाव आयोग इस मामले में किसी को नहीं बख्शेगा।

नेशनल हेरल्ड की तरफ से पूछा गया सवाल कई लोगों ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है, जिसे नीचे देखा(सुना) जा सकता है।

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वैसे बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोह का रवैया कुछ अलग किस्म का रहा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा अपने भाषणों के जरिए आदर्श चुनाव संहिता के उल्लंघन के कई मामले सामने आए थे और इनकी शिकायत चुनाव आयोग से की गई थी, लेकिन आयोग ने दोनों को हर मामले में शिकायत को खारिज कर दिया था।

उस समय चुनाव आयुक्त अशोक लवासा एकमात्र ऐसे आयुक्त थे जिन्होंने मोदी-शाह को क्लीन चिट नहीं दी थी। लवासा ने कहा था कि उन्होंने उस दौरान मोदी-शाह के खिलाफ चुनाव संहिता के उल्लंघन पर आई शिकायतों पर आयोग के कम से कम 11 फैसलों से असहमति जताई थी। इतना ही नहीं चुनाव आयोग ने इन फैसलों पर अशोक लवासा की असहमति को रिकॉर्ड तक करने से इनकार कर दिया था। अशोक लवासा ने संदिग्ध परिस्थितियों में आयोग से इस्तीफा दे दिया था।

वैसे चुनाव आयोग ने शनिवार को चुनाव की तारीखों का ऐलान करते वक्त एक बार फिर सभी राजनीतिक दलों से आग्रह किया कि प्रचार के दौरान हेट स्पीच, जातिगत या धार्मिक टिप्पणियां या अपील या किसी व्यक्ति के निजी जीवन पर बयान आदि न दिया जाए। आयोग ने राजनीतिक दलोंसे अपने सोशल मीडिया पोस्ट में भी एहतियात बरतने का आग्रह किया।

मुख्य चुनाव आयुक्त यूं तो हेट स्पीच और राजनीति में आया राम-गया राम पर शायराना अंदाज़ में चुटकी लेते हुए भी नजर आए। नेताओं द्वारा दल बदलने की तेज परंपरा पर उन्होंने बशीर बद्र का शे'र सुनाया तो हेट स्पीच के संबंध में रहीम का दोहा।

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