कोरोना संकट के कारण देशव्यापी लॉकडॉउन में एक कंपनी द्वारा कैशियर को तनख्वाह देने से इंकार करना बहुत मंहगा पड़ा। तनख्वाह नहीं मिलने से नाराज कैशियर ने कंपनी को सबक सिखाने के लिए लूट का षड़यंत्र रच डाला। लेकिन पुलिस ने मामले का भंडाफोड़ करते हुए कैशियर सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इस खुलासे से पुलिस भी हैरान है।
मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार को पुलिस को पता चला कि आगरा कैनाल रोड पर मौजूद ईको पार्क के पास दो बदमाशों ने किसी को लूट लिया है। सूचना पाकर कालिंदी कुंज पुलिस मौके पर पहुंची। मौके पर पुलिस को नरेश कुमार बैरवा मिला, जिसने पुलिस को बताया कि वो फतेहपुर बेरी इलाके में स्थित एक रिफाइंड तेल कंपनी में कैश कलेक्शन की नौकरी करता है। घटना वाले दिन शाम को वो कैश कलेक्शन करके लौट रहा था कि तभी बाइक सवार दो बदमाशों ने उससे लाखों रुपये लूट लिए और फरार हो गए।
इसके बाद पुलिस ने जब मौके के आसपास की सीसीटीवी फुटेज खंगाली तो उसमें लुटने वाला कैशियर आरोपी बाइक सवारों के साथ बात करता हुआ नजर आया। इस पर पुलिस ने जब कड़ाई से पूछताछ की, तो कैशियर ने कबूल कर लिया कि लूट की साजिश उसने खुद ही रची थी। उसने बताया कि लॉकडाउन का बहाना बनाकर कंपनी मालिक उसकी तनख्वाह रोके बैठा था। साथ ही मालिक का व्यवहार भी कर्मचारियों के प्रति बुरा था। पुलिस ने आरोपी कैशियर के दो साथियों को भी गिरफ्तार कर लिया।
गौरतलब है कि कोरोना संकट के चलते लॉकडाउन की वजह से हर तरह का काम ठप है। तमाम उद्योग-धंधों को गहरी मार लगी है। हालात को देखते हुए खुद प्रधानमंत्री मोदी ने कंपनियों से आग्रह किया था कि वे कर्मचारियों का वेचन नहीं रोकें और ना ही उन्हें काम से निकालें, लेकिन इसके बावजूद पूरे देश में लॉकडाउन के कारण लाखों लोगों की नौकरी जा चुकी है, जबकि बहुत सारे लोगों को तनख्वाह नहीं मिला या काटकर मिला है। लॉकडाउन के करीब दो माग बाद अब जाकर मोदी सरकार ने उद्योगों के लिए आर्थिक पैकेज का ऐलान तो किया है, लेकिन उसमें कामगारों के लिए अभी भी कुछ नहीं है।
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