हालात

नूंह में क्या छिपाना चाहती है हरियाणा सरकार, आखिर विपक्षी नेताओं के दौरे पर क्यों लगा रही है पाबंदी!

हरियाणा सरकार ने हिंसाग्रस्त नूंह में जहां विपक्षी दलों के नेताओं को जाने की अनुमति नहीं दी, वहीं बीजेपी के नेताओं को न सिर्फ जाने दिया गया बल्कि उन्हें अफसरों के साथ वार्ता का भी मौका दिया गया। इसे लेकर विपक्ष ने कहा है कि आखिर सरकार क्या छिपाा चाहती है।

हरियाणा जा रहे कांग्रेस नेताओं के प्रतिनिधिमंडल को रास्ते में ही रोक दिया गया था
हरियाणा जा रहे कांग्रेस नेताओं के प्रतिनिधिमंडल को रास्ते में ही रोक दिया गया था 

 आखिर क्या है जो हरियाणा सरकार हिंसा प्रभावित नूंह में विपक्ष से छिपाना चाहती है? आखिर क्यों हरियाणा सरकार ने विपक्षी नेताओं को हिंसा का शिकार हुए नूंह का दौरा करने से रोका? और वह क्या है जिसके आधार पर हरियाणा सरकार ने बीजेपी नेताओं के दल को नूंह में न सिर्फ जाने दिया, बल्कि अधिकारियों से मिलने की भी इजाजत दे दी? यह वह सवाल हैं जिनसे अनुमान लगाया जा सकता है कि दाल में कुछ काला है।

हरियाणा में लगातार दो दिन तक हिंसा जारी रही, तमाम वाहनों, संपत्तियों को आग लगा दी गई, गोलीबारी और पथराव की घटनाएं हुईं, तलवारों और भालों से लैस भीड़ ने लोगों को घेरकर बुरी तरह पीटा, दुकानों, मकानों में खुलेआम लूटपाट हुई। इसके बाद हालात सामान्य होने से पहले ही हरियाणा सरकार ने बुलडोजर कार्रवाई शुरु कर दी, जिस पर अंतत: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की फटकार के बाद रोक लगी।

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इस बीच कुछ इलाकों में कर्फ्यू तो कुछ में धारा 144 लागू की गई। इंटरनेट शटडाउन किया गया जो कुछ इलाकों में अब भी लागू है। इस दौरान विपक्षी नेताओं ने नूंह जाकर हिंसा से प्रभावित लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करने और जमीनी हकीकत जानने के लिए वहां जाने का प्रयास किया। लेकिन, हरियाणा सरकार ने उन्हें सीमा से ही वापस लौटा दिया। मंगलवार को कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल नूंह गया था, लेकिन किसी भी नेता को आगे जाने की अनुमति नहीं दी गई।

इसी पर हमलावर होते हुए कांग्रेस की हरियाणा इकाई के नेता ओम प्रकाश धनखड़ ने सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया। इसके बाद इन नेताओं ने एक शांति सभा की, जिसमें हरियाणा के पूर्व मंत्री अजय सिंह यादव ने कहा कि, ‘मंगलवार को जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीड़ितों का हाल जानने के लिए नूंह जा रहे थे तो उन्हें रोक दिया गया, लेकिन बुधवार को भारतीय जनता पार्टी के नेता वहां गए. उन्हें एंट्री मिल गई. उनके लिए कोई नियम कानून नहीं है?'

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इसी तरह हरियाणा आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुशील गुप्ता ने भी हिंसा प्रभावित इलाकों में जाने से रोके जाने पर हरियाणा सरकार पर सवाल खड़े किए है। उन्होंने लिखा कि, “डरपोक खट्टर सरकार ने हमें सोहना के रायपुर में नूंह जाने से रोक दिया है, भारतीय जनता पार्टी के लोग नूंह जा सकते हैं बाकी अन्य पार्टियों को रोका जा रहा है, ये साफ़ दर्शाता है कि सरकार कुछ छिपाना चाह रही है।” उन्होंने कहा कि नागरिकों की सुरक्षा के लिए पुलिस नहीं है लेकिन नेताओं को रोकने के लिए खट्टर सरकार के पास पूरी फोर्स हैं।

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