हालात

यूपी में ये क्या हो रहा? कोरोना से मरे मरीजों के शवों की अदला-बदली, पूछने पर अस्पताल अधिकारियों ने डांटा

बुर्जुग के भतीजे ने कहा कि हमने कफन को हटा दिया क्योंकि परिवार के कुछ सदस्यों ने आखिरी बार देखने पर जोर दिया। हमें यह देखकर हैरानी हुई कि वह हमारे चाचा का पार्थिव शरीर नहीं था। जब हमने अस्पताल से संपर्क किया तो अधिकारियों ने अपनी गलती कोे बजाए हम पर चिल्लाने लगे।

फोटो: IANS
फोटो: IANS 

कोरोना वायरस के कारण मरने वाले मरीजों के शवों की अदला-बदली उत्तर प्रदेश में एक अपवाद के बजाय अब आम बात होती जा रही है। सोमवार को इसी तरह की एक और घटना में, एक परिवार के कोरोना से मरे 84 वर्षीय बुजुर्ग का अंतिम संस्कार तब रुक गया जब एक सदस्य ने अंतिम दर्शन के लिए उनके चेहरे से कफन हटाया। तब तक शव को चिता पर रखा जा चुका था।

Published: undefined

रिपोर्ट के अनुसार, परिवार किसी दूसरे व्यक्ति के शव का अंतिम संस्कार करने वाला था, जिसकी उम्र 50-55 के असपास थी। जब तक मेरठ के परिवार ने उस परिवार से संपर्क किया, जिनके घर के सदस्य का वह शव था, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। वे दाह संस्कार करने के बाद घर लौट रहे थे और एक कलश में राख ले जा रहे थे और उन्हें बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि उनके परिवार के सदस्य का शव अभी भी दूसरे परिवार के पास पड़ा था।

जब बुजुर्ग के परिवार ने इस मामले में एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज से संपर्क किया, तो उन्हें कोविड-19 रोगी के शव को अनपैक कर देखने के लिए अधिकारियों द्वारा 'डांटा' गया।

बुर्जुग के भतीजे ने कहा, "हमने कफन को हटा दिया क्योंकि परिवार के कुछ सदस्यों ने आखिरी बार देखने पर जोर दिया। हमें यह देखकर हैरानी हुई कि वह हमारे चाचा का पार्थिव शरीर नहीं था। जब हमने एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज से संपर्क किया तो अधिकारियों ने अपनी गलती को स्वीकार करने के बजाय, शव को अनपैक करने के लिए हम पर चिल्लाना शुरू कर दिया।" इस बीच, दूसरा परिवार भी हैरान था।

Published: undefined

50 वर्षीय व्यक्ति के बेटे ने कहा, "मुझे रविवार सुबह फोन आया कि मेरे पिता के शव का अंतिम संस्कार नहीं किया गया है। और हमने किसी और का अंतिम संस्कार किया है।" बाद में, रविवार को अधेड़ व्यक्ति का शव मोदीनगर के परिवार को सौंप दिया गया और, बदले में मेरठ के परिवार को अस्थि कलश दिया गया। जिला अधिकारी अनिल ढींगरा ने जांच के आदेश दिए हैं।

ढींगरा ने कहा, "अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (शहर) और मुख्य चिकित्सा अधिकारी की एक टीम इस घटना की जांच करेगी।" लाला लाजपत राय मेमोरियल मेडिकल कॉलेज (एलएलआरएम) के प्रिंसिपल ज्ञानेंद्र कुमार ने कहा, "ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर, नर्स और वार्ड ब्वॉय को मामले पर स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया है। जो भी गलत पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।" कोविड संक्रमित लोगों के शवों की अदला-बदली होने के मामले उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में पहले भी आ चुके हैं।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined