पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस ने मंगलवार को ऐलान किया कि वह दक्षिण कोलकाता के कस्बा में दुर्गा पूजा के आयोजकों अखिल भारतीय हिंदू महासभा के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाएगी, जहां महिषासुर की मूर्ति की जगह महात्मा गांधी से मिलती मूर्ति लगाई गई थी। कांग्रेस ने इस घटना के लिए राज्य की टीएमसी सरकार को भी दोषी ठहराया है।
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हालांकि व्यापक विरोध और पुलिस के हस्तक्षेप के बाद रविवार को मूर्ति को एक अलग रूप दिया गया। लेकिन इस पर विवाद जारी है। मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और लोकसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी ने मीडियाकर्मियों से कहा कि महात्मा गांधी को महिषासुर के रूप में चित्रित करना राष्ट्र विरोधी कृत्य है। इसलिए राज्य कांग्रेस चाहती है कि मामला अदालत में सुलझाया जाए।
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अधीर रंजन चौधरी ने घटना के लिए सीधे तौर पर तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व वाली राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि हम इस घटना के खिलाफ अदालत का रुख करेंगे। यह कुछ और नहीं बल्कि राष्ट्रविरोधी है। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है। यहां तक कि बीजेपी शासित राज्यों में भी राष्ट्रपिता का अपमान करने की हिम्मत किसी में नहीं है। पूरी दुनिया महात्मा गांधी के सिद्धांतों का पालन करती है। हम पश्चिम बंगाल में उनका अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकते।
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वहीं पुजारियों के विभिन्न संघों ने भी दावा किया है कि इस घटना के माध्यम से पूजा आयोजकों ने वास्तव में हिंदू धर्म को नीचा दिखाया है। उन्होंने कहा कि चूंकि हिंदू दर्शन हमेशा मृत व्यक्तियों को श्रद्धांजलि देने की बात करता है, इस तरह के कृत्य वास्तव में महान धर्म के विपरीत हैं।
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