पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार जिले में न्यू मयनागुड़ी स्टेशन के पास मंगलवार सुबह एक मालगाड़ी के छह डिब्बे पटरी से उतर गए। मालगाड़ी खाली थी, इस घटना में किसी के हताहत होने की खबर सामने नहीं आई है।
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ट्रेन के पटरी से उतरने के बाद रेल सेवाओं में किसी तरह की बाधा उत्पन्न होने की खबर नहीं है। चश्मदीदों ने बताया कि घटना के समय मालगाड़ी की रफ्तार काफी धीमी थी, इसलिए इसका कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ा।
पटरी से उतरे डिब्बों की चपेट में आने से स्टेशन पर दो बिजली के खंभे और पानी की पाइपलाइन क्षतिग्रस्त हो गईं। सूचना मिलने पर वरिष्ठ रेलवे अधिकारी तुरंत घटनास्थल पर पहुंच गए।
रेलवे सूत्रों ने बताया कि ट्रेन के पटरी से उतरने का कारण अभी पता नहीं चल पाया है और मामले की गहन जांच शुरू कर दी गई है।
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बता दें कि 17 जून को दार्जिलिंग जिले के रंगापानी स्टेशन के पास कंचनजंगा एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी के बीच टक्कर में कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई थी।
मालगाड़ी कंचनजंगा एक्सप्रेस से पीछे से टकराई थी। गनीमत यह रही थी कि हताहतों की संख्या बहुत ज़्यादा नहीं थी, क्योंकि कंचनजंगा एक्सप्रेस के आखिरी दो डिब्बे पार्सल कोच और गार्ड के डिब्बे थे।
शुरुआती जांच में पता चला है कि मालगाड़ी ने पेपर लाइन क्लियर टिकट (पीएलसीटी) के साथ रंगापानी और चट्टर हाट के बीच की दूरी तय करते समय 15 किलोमीटर प्रति घंटे की प्रतिबंधित गति सीमा को पार कर लिया था। उस दूरी के भीतर ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम काम नहीं कर रहा था। रफ्तार सीमा से अधिक होने के कारण मालगाड़ी ने कंचनजंगा एक्सप्रेस को पीछे से टक्कर मार दी थी।
पीएलसीटी एक पेपर ऑथराइजेशन है जो किसी ट्रेन को उस दूरी के भीतर लाल सिग्नल को अनदेखा करने के लिए जारी किया जाता है, जहां ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम खराब होता है। हालांकि, ऐसे पीएलसीटी में उस दूरी के भीतर 15 किलोमीटर प्रति घंटे की प्रतिबंधित गति सीमा होती है जहां ऑथराइजेशन सिग्नलिंग काम नहीं करता है। बता दें कि 31 जुलाई को फिर दार्जिलिंग जिले में उसी स्थान पर एक मालगाड़ी के दो डिब्बे पटरी से उतर गये थे।
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