उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य भर में कई नदियों में बढ़ते जल स्तर के मद्देनजर अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रखा है।
राज्य के मुख्य सचिव डीएस मिश्रा ने गुरुवार को कहा कि सभी गांवों में प्राथमिकता के आधार पर वर्षामापी यंत्र लगाए जाएं। उन्होंने कहा कि चूंकि कई नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है, इसलिए सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण, जल संसाधन एवं राहत विभाग अलर्ट मोड पर रहें और बदलते मौसम के मिजाज पर नजर रखें।
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इसके अलावा उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पीएसी की बाढ़ इकाई एवं आपदा राहत की टीमें तैनात की जाएं। जहां जरूरत हो वहां आपदा प्रबंधन मित्र और नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों को तैनात करें। संवेदनशील तटबंधों पर नजर रखने के लिए नोडल पदाधिकारी एवं असिस्टेंट इंजीनियरों की प्रतिनियुक्ति की गई है।
मुख्य सचिव ने कहा कि अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए नियमित सर्वेक्षण करना चाहिए कि कहीं भी कोई उल्लंघन न हो। नियमित गश्त की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि बाढ़ वाले क्षेत्रों में पशुओं पर ध्यान दिया जाना चाहिए और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाना चाहिए। इसके अलावा पशुओं के चारे की व्यवस्था भी की जानी चाहिए। इस बीच, संबंधित घटनाक्रम में, राज्य सरकार भारी बारिश और बाढ़ से प्रभावित पहाड़ी राज्य में फंसे लोगों को वापस लाने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार के साथ बातचीत कर रही है।
परिवार और दोस्तों से मिली जानकारी के आधार पर, उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी 29 लोगों को ट्रैक कर लिया है। राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उन्हें मनाली के होटलों में सुरक्षित रखा गया है।
अधिकारी ने कहा कि वे यूपी के लोगों की जानकारी और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कुल्लू डिविजनल कमिश्नर के साथ बातचीत कर रहे हैं। 29 व्यक्तियों में से 6 कानपुर से, 1 लखनऊ से और अन्य सीतापुर, मेरठ, देवरिया, वाराणसी, गाजियाबाद, जालौन, शाहजहाँपुर, बदांयू और बलरामपुर से हैं। अधिकारी ने कहा, जब सड़कें ठीक हो जाएंगी और वाहन चलने लायक हो जाएंगे तो उन्हें वापस लाया जाएगा।
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