दिल्ली में यमुना नदी खतरे के निशान के करीब बहने के बाद प्रशासन सख्त हो गया है और नदी किनारे रह रहे लोगों को अब हाइवे किनारे आस्थाई टैंट लगाकर उनमें रोका जा रहा है। लोगों ने अपने सामान और मावेशीओं को लेकर अब हाइवे किनारे अपना बसेरा डाल लिया है।
दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे के दोनों तरफ 15 से 20 अस्थाई टैंट लगाए गए हैं और निचले इलाकों से लोगों को ऊपर लाया जा रहा है। ताकि बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने पर लोगों की जान सही समय पर बचाई जा सके। नदी किनारे रह रहे लोगों के मुताबिक, शनिवार तड़के टैंट लगना शुरू हुए और हमें ऊपर इन टैंट में रुकने के लिए बोला गया है। लोगों ने अपने सामान को बांधकर एक तरह इकट्ठा करना शुरू कर दिया है।
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आपको बता दें, यमुना नदी का खतरे का निशान 205.33 मीटर है और नदी का जलस्तर इस समय 206 मीटर है, जोकि खतरे के निशान से ज्यादा है। यमुना के जलस्तर में कोई बड़ी कमी आने की संभावना कम है, लेकिन लोगों के मुताबिक पानी पहले से थोड़ा कम हुआ है।
यमुना के आसपास के निचले इलाकों को एहतियातन खाली करवा दिया गया है क्योंकि कई इलाकों में पानी भरने की खबर है। जिन इलाकों को खाली करवाया गया है, उनमें यमुना खादर का इलाका, गढ़ी मांडू, उस्मानपुर, न्यू उस्मानपुर के साथ-साथ चिल्ला के इलाके शामिल हैं।
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दरअसल हरियाणा में यमुना नदी पर बने हथिनी कुंड बैराज से एक लाख 82 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जिसके बाद से ही दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ना शुरू हो गया। इसके बाद से ही हरियाणा के निचले इलाकों में अलर्ट घोषित किया गया था। 70 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने के बाद ही मिनी फ्लड का अलर्ट जारी होता है।
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