क्या योगी आदित्यनाथ सरकार में बगावत की सुगबुहाट शुरु हो गई है? योगी आदित्यनाथ सरकार में 3 मंत्री अपने-अपने विभागों में तबादलों को लेकर विरोध का सामना कर रहे हैं। तबादलों में अनियमितताओं को लेकर पीडब्ल्यूडी विभाग के प्रमुख जितिन प्रसाद, जलशक्ति विभाग के राज्यमंत्री दिनेश खटीक और स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक विवादों में हैं।
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योगी सरकार में जलशक्ति विभाग के राज्यमंत्री दिनेश खटीक के इस्तीफे की चर्चा है, लेकिन सरकार की तरफ से इससे इंकार कर दिया गया है। खबरों के मुताबिक, जलशक्ति विभाग में तबादलों और हस्तिनापुर में अपने समर्थकों पर एफआईआर लिखे जाने से राज्यमंत्री दिनेश खटीक नाराज हैं।
सूत्रों का कहना है कि जलशक्ति विभाग के राज्य मंत्री दिनेश खटीक अपने कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह से नाराज बताए जा रहे हैं। बतौर राज्य मंत्री विभाग में उन्हें कोई काम नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कुछ इंजीनियर के तबादले की सिफारिश भी की थी, लेकिन वह भी तबादला नहीं हुआ।
इस बीच सोशल मीडिया पर दिनेश खटीक के एक इस्तीफे पत्र वायरल हो रहा है। हालांकि नवजीवन इस पत्र की पुष्टी नहीं करता है। इस पत्र में उन्होंने कहा, ''दलित होने की वजह से अफसर मेरी बिल्कुल नहीं सुनते। अभी तक विभाग में मुझे कोई काम तक नहीं मिला है। दलित समाज का राज्य मंत्री होने के कारण उनके किसी भी आदेश पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है। न ही उन्हें सूचना दी जाती है कि विभाग में कौन-कौन सी योजनाएं चल रही हैं। उन पर क्या कार्यवाही हो रही है? यूपी सरकार के अफसर दलितों को अपमान कर रहे हैं।''
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जितिन प्रसाद को योगी सरकार में लोक-निर्माण विभाग दिया गया है। इनके विभाग में ट्रांसफर सेशन के दौरान हुए तबादलों में कई बड़ी अनियमितताएं सामने आईं। इसके बाद CM ने एक कमेटी बना कर मामले की जांच सौंप दी। विशेष कर्तव्य अधिकारी (ओएसडी) जितिन प्रसाद और अनिल कुमार पांडे का ट्रांसफर कर दिया। जबकि पांच अन्य को राज्य सरकार के पीडब्ल्यूडी विभाग में अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद निलंबित कर दिया गया है। एक जांच में ओएसडी अनिल कुमार पांडे को विभाग में तबादलों में अनियमितताओं के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार पाया गया। बताया जा रहा है कि इससे जितिन प्रसाद दुखी हो गए। कल कैबिनेट की बैठक के बाद CM से मुलाकात की और अपनी सफाई पेश की। खबर है कि अपनी बात केंद्र तक पहुंचाने के लिए वो दिल्ली भी जा सकते हैं। उनके बुधवार यानी आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करने की संभावना है।
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इससे पहले योगी आदित्यनाथ सरकार को उस समय काफी शर्मिदगी का सामना करना पड़ा था, जब उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने अपने स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग में तबादलों पर खुद सवाल उठाए थे। मंत्री ब्रजेश पाठक ने एक बड़ा कदम उठाते हुए अपने ही विभाग के आला अधिकारियों को पत्र लिखकर जवाब मांगा था। ACS स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद और ब्रजेश पाठक के बीच तल्खी भी दिखी थी। इसके बाद सीएम योगी ने जांच के आदेश दिए थे।
जिसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने अब अपने सभी मंत्रियों को फाइलों पर हस्ताक्षर करने से पहले उन्हें ठीक से पढ़ने का निर्देश दिया है।
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