वित्तीय संकट से जूझ रही दिग्गज टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया ने सोमवार यानी आज कंपनी के रिब्रांडिंग की घोषणा की है। जिसके बाद अब वोडाफोन आइडिया VI बन गई है। रिब्रांडिंग की घोषणा के साथ ही अब यूजर्स की टेंशन भी बढ़ गई है। माना जा रहा है कि अब कंपनी अपना टैरिफ बढ़ा सकती है। इस बात पर मुहर खुद कंपनी के सीईओ रविन्दर टक्कर ने लगाई है। रिब्रांडिंग की घोषणा के दौरान कंपनी के सीईओ रविन्दर टक्कर ने कहा कि यह अहम कदम है। इसके साथ ही एकीकरण की प्रक्रिया पूरी हो गई है।
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उन्होंने कहा कि कंपनी पहले कदम के तौर पर टैरिफ में बढ़ोतरी के लिए तैयार है। रविन्दर टक्कर ने इसके पीछे का कारण कंपनी को एआरपीयू सुधारने में मदद मिलना बताया। आपको बता दें, यह अभी 114 रुपये है जबकि एयरटेल और जियो का एपीआरयू क्रमशः 157 रुपये और 140 रुपये है। बता दें, जियो के आने के बाद से कंपनी के सब्सक्राइबर्स की संख्या में लगातार कमी आ रही है। साथ ही इसके एवरेज रेवेन्यू पर यूजर में भी कमी आई है।
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आपको बता दें, इस कंपनी का मालिकाना हक ब्रिटेन की वोडाफोन और आदित्य बिड़ला ग्रुप के पास है। जियो के आने के बाद दोनों कंपनियों ने आपस में विलय कर दिया था और वोडाफोन आइडिया नाम से कंपनी अस्तित्व में आई थी। गौरतलब है कि वित्तीय संकट के कारण देश के कड़े प्रतिस्पर्धा वाले टेलीकॉम बाजार में कंपनी अपना वजूद बचाने के लिए संघर्ष कर रही है। यही वजह है कि आज की घोषणाओं पर पूरी इंडस्ट्री की भी नजर थी।
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गौरतलब है कि वोडाफोन इंडिया लिमिटेड को उच्चतम न्यायालय ने समायोजित सकल आय (एजीआर) के भारी भरकम बकाये को चुकाने के लिए दस साल का वक्त दिया है। इसका 10 प्रतिशत कंपनी को चालू वित्त वर्ष में और बाकी का 10 किस्तों में अगले 10 साल में चुकाना है। वोडाफोन आइडिया पर 58,000 करोड़ रुपये से अधिक का एजीआर बकाया है। इसमें से 7,854 करोड़ रुपये का भुगतान अब तक कंपनी कर चुकी है।
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