हालात

निजीकरण के खिलाफ विजाग स्टील प्लांट के कर्मचारियों ने खोला मोर्चा, मोदी सरकार के खिलाफ किया जोरदार प्रदर्शन

इस दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कर्मचारियों ने बैनर और तख्तियां लेकर सड़कों पर मार्च निकाला। समिति ने चेतावनी दी कि वे आरआईएनएल के 100 फीसद विनिवेश के लिए केंद्र द्वारा नियुक्त किसी भी सलाहकार को इस्पात संयंत्र में प्रवेश नहीं करने देंगे।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

विशाखापत्तनम स्टील प्लांट के कर्मचारियों ने उपक्रम के निजीकरण के लिए कानूनी सलाहकारों की नियुक्ति की प्रक्रिया को रोकने की मांग को लेकर गुरुवार को जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कर्मचारियों ने प्लांट के मुख्य द्वार पर धरना दिया। उन्होंने मांग की कि कानूनी सलाहकारों की नियुक्ति की ऑनलाइन प्रक्रिया को तत्काल रोका जाए।

Published: undefined

विशाखापत्तनम स्टील प्लांट की कॉर्पोरेट इकाई राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (आरआईएनएल) की रणनीतिक बिक्री के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई कर रही विशाखा उक्कू परिक्षण समिति द्वारा धरने का आयोजन किया गया था। इस दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कर्मचारियों ने बैनर और तख्तियां लेकर सड़कों पर मार्च निकाला। समिति ने चेतावनी दी कि वे आरआईएनएल के 100 फीसद विनिवेश के लिए केंद्र द्वारा नियुक्त किसी भी सलाहकार को इस्पात संयंत्र में प्रवेश नहीं करने देंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र की बीजेपी सरकार स्टील प्लांट को पार्टी के गुर्गों को सौंपने की कोशिश कर रही है।

Published: undefined

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने 27 जनवरी को निजीकरण के माध्यम से रणनीतिक विनिवेश द्वारा अपनी सहायक कंपनियों/संयुक्त उद्यमों में आरआईएनएल की हिस्सेदारी के साथ आरआईएनएल में सरकारी हिस्सेदारी के 100 प्रतिशत विनिवेश के लिए अपनी 'सैद्धांतिक' मंजूरी दे दी। इस फैसले को अमली जामा पहनाने के लिए कानूनी सलाहकारों की नियुक्ति की ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू की गई है।

Published: undefined

वहीं स्टील प्लांट के कर्मचारी निजीकरण के कदम का कड़ा विरोध कर रहे हैं। उन्होंने धरना प्रदर्शन के लिए एक कमेटी का गठन किया है। समिति के नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर एक लाख से अधिक लोगों को सहायता प्रदान करने वाले संयंत्र का निजीकरण कर दिया जाता है, तो तेलुगु लोग चुप नहीं रहेंगे। राज्य सरकार ने भी निजीकरण के कदम का विरोध किया है। फरवरी में मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए पत्र लिखा था। उन्होंने 'आंध्र प्रदेश के गहनों' की रक्षा का भी आह्वान किया।

Published: undefined

कर्मचारियों के आंदोलन और राज्य सरकार के विरोध के बावजूद केंद्रीय वित्त मंत्रालय के निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (डीआईपीएएम) ने निजीकरण के प्रस्ताव में तेजी लाई। इसने हाल ही में आरआईएनएल के 100 प्रतिशत रणनीतिक विनिवेश और इसकी सहायक कंपनियों और संयुक्त उद्यमों में हिस्सेदारी के लिए एक कानूनी सलाहकार और एक लेनदेन सलाहकार की नियुक्ति के प्रस्ताव के लिए अनुरोध (आरएफपी) की मांग करते हुए अलग अधिसूचना जारी की है।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined