विनेश फोगाट के मामले को लेकर विपक्षी दल सरकार से कड़े कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि फोगाट के साथ साजिश की गई। कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि विनेश फोगाट कुश्ती के मैट पर तो नहीं हारीं, लेकिन साजिश के मैट पर हार गईं। विनेश फोगाट को स्पोर्टस की राजनीति की बलि चढ़ा दिया गया। विनेश फोगाट के साथ जो हुआ, उससे आज देश के 140 करोड़ से ज्यादा लोग स्तब्ध हैं। कुछ सत्ताधारी लोग विनेश को बधाई देने से भी बच रहे थे।
उन्होंने कहा कि सरकार के खेल मंत्री, प्रधानमंत्री, बड़े-बड़े मंत्री, नेता, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष इससे कतरा रहे थे। विनेश फोगाट वही महिला पहलवान हैं, जिसने 2023 पूरा साल प्रधानमंत्री के चहेते 'रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया' के तत्कालीन अध्यक्ष और बीजेपी के तत्कालीन सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ शारीरिक और मानसिक यातना के खिलाफ बुलंद आवाज उठाई थी।
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सुरजेवाला ने कहा कि विनेश फोगाट ने 140 दिन से अधिक 'रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया' में से गुंडागर्दी और प्रताड़ना के खिलाफ जंतर-मंतर पर क्रांति की लौ जलाई थी। यह वही विनेश फोगाट हैं, जिसको सरकार ने पुलिस से घसीटवाया था। विनेश के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई और उस पर मुकदमा चलवाया गया। यह वही विनेश हैं, जो हिंदुस्तान का झंडा फैलाने के जुनून के चलते पेरिस ओलंपिक तक पहुंच गईं। 7 घंटे के अंदर प्री क्वार्टर फाइनल, क्वार्टर फाइनल और सेमी फाइनल जीत कर दुनिया की तीन सबसे बड़ी पहलवानों को हराया और भारत का झंडा पेरिस में फहराया।
सुरजेवाला ने कहा कि, विनेश फोगाट तीसरी बार ओलंपिक में हिस्सा ले रही हैं। समकालीन इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ कि ऐसे खिलाड़ी को 100 ग्राम वजन अधिक होने के आधार पर अयोग्य ठहरा दिया गया। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। यदि किसी खिलाड़ी का वजन ज्यादा हो जाए तो उसे एक-दो घंटे का समय दिया जाता है। लेकिन, विनेश फोगाट के मामले में ऐसा क्यों नहीं हुआ। जितने खिलाड़ी पेरिस ओलंपिक में गए हैं, उससे ज्यादा केंद्र सरकार के अधिकारी वहां गए हैं। रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया क्या कर रही थी? क्या वे मेडल को गिराने की कोशिश कर रहे थे या मेडल दिलवाने की कोशिश कर रहे थे। देश के खेल मंत्री क्या कर रहे थे?
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उन्होंने कहा कि इंटरनेशनल ओलंपिक एसोसिएशन का आर्टिकल-11 है, जिसमें लिखा है कि कोई भी ग्रुप हो, अगर वेट की बात है तो पहले वह वजन खुद लेंगे और फिर उसे स्पोर्ट्स एरिना में लेकर जाएंगे। पहले दिन वजन सही था। अगले दिन ऐसा क्या हुआ कि 100 ग्राम वजन बढ़ गया। सरकारी खर्चे पर खेल अथॉरिटी के लोग जो साथ गए हैं, अगर वे इस मामले में मुस्तैद होते तो खिलाड़ी को जख्मी घोषित कर सकते थे। अगर वे विनेश फोगाट को लेकर ही नहीं जाते तो ओलंपिक का सिल्वर मेडल उन्हें मिल जाता।
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उन्होंने कहा कि दिक्कत कहीं विनेश फोगाट के मेडल से तो नहीं थी, यह सवाल पूछा जाएगा। क्योंकि आंदोलन के समय वर्ष 2023 में विनेश फोगाट व कई अन्य पहलवानों को यह कहा गया था कि उनका करियर खत्म कर दिया जाएगा। देश यह जानना चाहता है कि वह कौन है, जिसे विनेश फोगाट की जीत बर्दाश्त नहीं हुई। हॉकी टीम की हार के बावजूद सभी लोगों ने उनके लिए प्रोत्साहन बढ़ाने वाले पोस्ट किए। लेकिन, विनेश फोगाट एक दिन में 3-3 बार जीतीं, उसके लिए कोई पोस्ट नहीं किया गया। हां, अयोग्य घोषित होने के कुछ देर बाद ही सांत्वना का पोस्ट आ गया।
सुरजेवाला ने कहा जब अन्य देशों के खिलाड़ियों के साथ ऐसा कुछ हुआ, तो उन देशों की सरकारों ने अपील की। इस अपील के आधार पर खिलाड़ी का मेडल रिस्टोर हुआ। इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन और भारत सरकार सांत्वना देकर चुप हो गई। वे इंटरनेशनल ओलंपिक संघ का दरवाजा क्यों नहीं खटखटा रहे? प्रधानमंत्री रूस और यूक्रेन का युद्ध रुकवा सकते हैं, वह विनेश फोगाट को न्याय क्यों नहीं दिलवा सकते?
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इन सबके बीच विनेश को विदेशी पहलवानों से भी समर्थन मिल रहा है और उन्हें रजत पदक देने की मांग की जा रही है। साथ ही अंतराष्ट्रीय कुश्ती महासंघ से नियमों में बदलाव की भी बात कही जा रही है। फोगाट के अप्रत्याशित बाहर होने के बाद ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट और छह बार के वर्ल्ड चैंपियन जॉर्डन बरोज (अमेरिकी रेलसर) ने अंतराष्ट्रीय कुश्ती महासंघ से नियमों में तुरंत बदलाव करने और विनेश को सिल्वर मेडल देने की मांग की है।
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