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सनी देओल की ‘अर्जुन पंडित’ से प्रभावित था विकास दुबे, ‘पंडित’ के नाम से पुकारा जाना था पसंद

विकास दुबे के तौर-तरीकों से वाकिफ कुछ स्थानीय पत्रकारों ने बताया कि उसे ‘पंडित’ कहलाना बहुत पसंद था। उसने सन्नी देओल की फिल्म ‘अर्जुन पंडित’ को सैकड़ों बार देखा था। यहां तक कि वह अपने शिकार लोगों के सामने भी खुद को केवल पंडित के रूप में पेश करता था।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

उत्तर प्रदेश के इन दिनों चर्चित गैंगस्टर विकास दुबे के जुर्म की दुनिया में कदम रखने का संबंध बीजेपी सांसद और अभिनेता सनी देओल की 1999 में आई फिल्म 'अर्जुन पंडित' से भी है। इसी फिल्म से प्रेरित होकर दुबे, विकास पंडित बन गया और राजनीतिक गलियारों और पुलिसकर्मियों के बीच भी 'पंडित' के रूप में जाना जाने लगा।

विकास दुबे को जानने वाले स्थानीय पत्रकार ने पहचान जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि विकास को पंडित कहलाना बहुत पसंद था। उसके तौर-तरीकों से वाकिफ कुछ स्थानीय पत्रकारों ने बताया कि फरार चल रहे गैंगस्टर विकास दुबे ने इस फिल्म को सैकड़ों बार देखा था। यहां तक कि वह अपने शिकार लोगों के सामने भी खुद को केवल पंडित के रूप में पेश करता था।

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हालांकि, बॉलीवुड थ्रिलर फिल्म कई मामलों में बहुत अलग है। फिल्म में अर्जुन (सनी देओल) एक ताकतवर व्यक्ति के हाथों की कठपुतली बन जाता है और खुद के द्वारा देखे गए एक अपराध के बारे में चुप रहता है। वह निशा नाम की लड़की के प्यार में पड़ता है और उससे धोखा खाने के बाद एक बेरहम गैंगस्टर बन जाता है। लेकिन यहां विकास दुबे के मामले में ऐसा कुछ नहीं है।

तीन जून को कानपुर के बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद दुबे सत्ता पक्ष और विपक्ष, दोनों के लिए अब अछूत सा बन गया है। जहां योगी आदित्यनाथ सरकार ने उसके सिर पर रखी इनाम की राशि बढ़ाकर 2.5 लाख तक कर दी है और 300 टीमें एसटीएफ की देखरेख में उसका पीछा कर रही हैं, वहीं विपक्ष ने इस पूरे कांड की गहन जांच की मांग की है। उसके सभी साथियों के पोस्टर जारी हो चुके हैं और विकास दुबे के परिवार ने उससे किनारा कर लिया है।

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इस बीच कानपुर पुलिस विकास दुबे की पत्नी ऋचा दुबे की भी तलाश कर रही है। बताया जाता है कि शुक्रवार को आठ पुलिसकर्मियों की हत्या वाली भयावह वारदात के कुछ ही देर बाद ऋचा दुबे अपने बेटे के साथ बिकरू गांव स्थित घर छोड़कर भाग गई थी। पुलिस ने घर की तलाशी के दौरान उसका मोबाइल फोन बरामद किया है, जिससे पता चला कि उसका फोन दुबे के घर में लगे सीसीटीवी से जुड़ा था।

पुलिस जांच टीम के सदस्य ने बताया, "जाहिर तौर पर फोन के जरिए ऋचा ने घर और वहां की गतिविधियों पर नजर रखी। शायद उसने फुटेज को डिलीट करने के लिए मोबाइल का इस्तेमाल किया होगा। इससे पहले, 2017 में, जब एसटीएफ द्वारा विकास दुबे को गिरफ्तार किया गया था, तब भी उसने अपने पति को बचाने के लिए सोशल मीडिया पर फुटेज डाले थे, क्योंकि उसे लगा था कि उसके पति का एनकाउंटर कर दिया जाएगा।"

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पुलिस ने ऋचा के सभी रिश्तेदारों से पहले ही संपर्क कर लिया है और वह कहीं नहीं मिली है। एक स्थानीय निवासी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि ऋचा ज्यादातर कानपुर शहर में ही रहती थी लेकिन अपने मोबाइल फोन के जरिए घर में होने वाली गतिविधियों पर नजर रखती थी।उन्होंने बताया कि नौकर और अन्य काम करने वाले हमेशा 'भाभीजी' से सावधान रहते थे क्योंकि वह अक्सर उनकी जांच करती थी। उसने हमेशा अपने पति और उसकी गतिविधियों का समर्थन किया। उसने गांव में कभी भी महिलाओं के साथ बातचीत नहीं की।"

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