कवयित्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे यूपी के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी की रिहाई का आदेश जारी किया है। अच्छे आचरण का हवाला देते हुए दोनों की बची हुई सजा खत्म कर दी गई है। आज दोनों गोरखपुर जेल से रिहा हो जाएंगे। इस बीच, मधुमिता शुक्ला की बहन निधि शुक्ला ने यूपी सरकार के इस आदेश पर हैरानी जताई है।
निधि शुक्ला का कहना है कि अमरमणि त्रिपाठी के खिलाफ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट की याचिका लगाई हुई है। इस पर 25 अगस्त यानी आज सुबह 11 बजे सुनवाई होनी है। यह संबंध में उन्होंने यूपी सरकार को जानकारी दे दी थी। लेकिन अमरमणि की रिहाई का आदेश आ गई है, जो निराशाजनक है। उन्होंने यूपी सरकार से प्रार्थना करते हुए कहा कि मेरे 20 वर्षों के संघर्ष की कुछ लाज आप लोग रख लीजिए।
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उनका एक पत्र भी वायरल हो रहा है। जिसमें उन्होंने कहा कि साजिश के तहत सजा माफी का आदेश निकला है। निधि शुक्ला ने कहा कि अमरमणि की सजा खत्म करना नाइंसाफी है। साथ ही उन्होंने मीडिया को लिखित बयान भी जारी किया है।
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9 मई 2003 लखनऊ के निशातगंज स्थित पेपर मिल कॉलोनी में मशहूर कवयित्री मधुमिता शुक्ला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्याकांड से तत्कालीन बीएसपी सरकार में हड़कंप मच गया था. चंद मिनटों में मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने मामले को भांप लिया था। पुलिस को मधुमिता और अमरमणि के प्रेम प्रसंग के बारे में नौकर देशराज ने सूचना पहले ही दे दी थी। इसके बाद पुलिस ने इस मामले में आगे की कार्रवाई की थी।
हत्याकांड के बाद देहरादून की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 24 अक्टूबर 2007 को अमरमणि, उनकी पत्नी मधुमणि, भतीजा रोहित चतुर्वेदी और शूटर संतोष राय को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
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