कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री वीरप्पा मोइली ने कहा है कि मोदी सरकार सिर्फ इसलिए लोकपाल विधेयक लागू नहीं कर रही है क्योंकि अगर लोकपाल लागू हुआ तो सबसे पहले आरोपी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही होंगे।
वीरप्पा मोइली ने बजट पर चर्चा के दौरान कहा कि मौजूदा सरकार ने रक्षा बजट में कंजूसी की है। उन्होंने बताया कि 2019-20 के लिए भारत का रक्षा बजट, चीन के रक्षा बजट का सिर्फ पांचवां हिस्सा है।
मोइली ने कहा, "इसका 20 प्रतिशत हिस्सा राफेल के लिए जाएगा और इसने उनकी कमजोरी उजागर कर दी है। मुझे लगता है कि यह सरकार इसीलिए लोकपाल विधेयक लागू नहीं कर रही है। अब यह पूरी तरह से स्पष्ट है कि अगर यह लागू किया गया तो हो सकता है प्रधानमंत्री इसके पहले आरोपी होंगे। इसलिए वह डरे हुए हैं। इसलिए मामले में कोई जेपीसी नहीं बिठाई गई।"
मोइली ने कहा, "प्रधानमंत्री आज बच सकते हैं, लेकिन कल नहीं।" मोइली ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री सब पर प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय जांच ब्यूरो का इस्तेमाल कर रहे हैं। मोइली ने हालांकि कहा कि वह राफेल या किसी अन्य हथियार को खरीदने के खिलाफ नहीं हैं।
उन्होंने कहा, "आप एचएएल जैसे सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी को दरकिनार नहीं कर सकते, जिसके पास 70 वर्षो की विशेषज्ञता है। इस सरकार का खुद का कानून मंत्रालय कहता है कि एक संप्रभु गारंटी होनी चाहिए।" मोइली ने कहा, "और आज हमें पता चला कि सरकार ने राफेल सौदे में भ्रष्टाचार-रोधी धाराओं को हटा दिया था।"
मोइली ने मोदी सरकार के बजट का पोस्टमार्टम करते हुए कई मुद्दो पर सरकार की आलोचना की। उन्होंने रक्षा सौदों में भ्रष्टाचार के अलावा रोज़गार के आंकड़ों, किसानों के संकट को भी प्रमुखता से उठाया।
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