वाराणसी हादसे के बाद अब यूपी सरकार नींद से जागी है। यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सभी निर्माणाधीन पुलों की समीक्षा होगी।
Published: 15 May 2018, 10:19 PM IST
इस हादसे पर यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, “देश के सबसे अधिक ध्यान दिए जाने वाले लोकसभा क्षेत्र में विकास की यह हकीकत है। मंत्री इस क्षेत्र में आकर नियमित निरीक्षण करते हैं। क्या यह घटना हादसा है या भ्रष्टाचार की देन है। राज्य सरकार को वाराणसी की जनता का इसका जवाब देना चाहिए”
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इस ओवरब्रिज के डिजाइन को लेकर शुरू से ही सवाल उठते रहे हैं। इस प्रोजेक्ट को 2 मार्च, 2015 को इजाजत मिली थी। इस 1710 मीटर लंबे फ्लाईओवर के लिए 77 करोड़ 41 लाख रुपये का बजट पास किया गया था। 25 अक्टूबर, 2015 से इस फ्लाईओवर के निर्माण का काम शुरू हुआ था। इस निर्माणाधीन पुल के डिजाइन को लेकर जुलाई, 2017 में ही सवाल किए गए थे। ऐसा कहा गया था कि फ्लाईओवर की डिजाइन ऐसी बना दी गई है, जो भारी वाहनों के लिए मुसीबत बन गई है।
Published: 15 May 2018, 10:19 PM IST
वाराणसी पुल हादसे में एनडीआरएफ की सात टीम राहत और बचाव काम में लगी हुई है। इस पुल के बारे में कुछ जानकारी देते है।
Published: 15 May 2018, 10:19 PM IST
वाराणसी पुल हादसे में घायलों को कबीरचौरा अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों का कहना है कि वे अब खतरे से बाहर है। जबकि गंभीर रुप से घायलों को बीएचयू अस्पताल रेफर कर दिया गया है।
Published: 15 May 2018, 10:19 PM IST
पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में निर्माणधीन पुल का एक हिस्सा गिरने से अबतक 18 लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। इस हादसे में कई लोग घायल हुए है। योगी सरकार ने जांच कमेटी गठित कर 48 घंटे के अंदर रिपोर्ट मांगी है। इस जांच कमेटी के चीफ राज प्रताप सिंह सुबह घटनास्थल पर पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि मैं इस मामले में अभी कुछ नहीं कह सकता हूं। उन्होंने आगे कहा कि जब तक हम पूरी जांच न कर ले और हर किसी से बात न कर लें, तब तक इस मामले पर कुछ भी कहना ठीक नहीं होगा।
Published: 15 May 2018, 10:19 PM IST
वाराणसी में निर्माणाधीन फ्लाईओवर गिरने से कुछ सवाल सामने आए हैं।
क्या 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले निर्माण पूरा करने का दबाव था?
जानकारी के मुताबिक इस फ्लाईओवर के निर्माण का काम 2018 में पूरा हो जाना था, लेकिन देरी के कारण इसकी समयावधि बढ़ाई गई थी। आरोप है कि 2019 में होने वाले आम चुनाव से पहले इस फ्लाईओवर का निर्माण पूरा करने का दबाव था।
निर्माण वाले इलाके में क्यों नहीं रोका गया था ट्रैफिक?
जब निर्माण कार्य चल रहा था, तब निर्माण वाले इलाके में ट्रैफिक को क्यों नहीं रोका गया था? साथ ही रात की बजाए दिन में काम क्यों हो रहा था? दिन में काम होने के कारण कोई भी सुरक्षा इंतजाम क्यों नहीं किए गए थे?
निर्माण वाले इलाके में क्यों नहीं रोका गया था ट्रैफिभक?गह कैंट रेलवे स्टेशन से 100 मीटर की दूरी होने पर है, इस कारण यह इलाका भीड़भाड़ वाला है। घटनास्थल से 600 मीटर की दूरी पर ही वाराणसी रोडवेज का बस स्टैंड है। इसके बावजूद दिन में भारी वाहनों का आना-जाना क्यों नहीं रोका गया। अगर इसे रोका जाता तो इलाके में जाम नहीं लगता और एक साथ इतने वाहन एक जगह नहीं जमा होते।
Published: 15 May 2018, 10:19 PM IST
वाराणसी में फ्लाईओवर बनाने वाली कंपनी के चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर एच सी तिवारी, प्रोजेक्ट मैनेजर के आर सूदन, असिस्टेंट इंजीनियर राजेश सिंह और इंजीनियर लाल चंद को सस्पेंड कर दिया गया है।
Published: 15 May 2018, 10:19 PM IST
मौके पर मौजूद लोगों के मुताबिक फ्लाईओवर के जो दो स्लैब गिरे हैं उन्हें दो दिन पहले ही पुल पर रखा गया था और मंगलवार को उन्हें जोड़ने का काम चल रहा था। मजदूर भी थे। इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन और फ्लाईओवर बनाने वाली कंपनी ने पुल के ठीक नीचे से गुजरते ट्रैफिक को नहीं रोका। यही लापरवाही आम लोगों पर भारी पड़ी। जहां हादसा हुआ, वह बनारस का सबसे व्यस्त इलाका है। यह कैंट स्टेशन 100 मीटर दूरी पर स्थित है।
Published: 15 May 2018, 10:19 PM IST
ताजा जानकारी के मुताबिक रात आठ बजे तक 25 शव निकाले जा चुके थे, इसके अलावा तीन घायलों को अस्पताल में पहुंचाया जा चुका है। माना जा रहा है कि कम से कम अभी 70 लोगों के फंसे होने की आशंका है। प्रदेश सरकार ने इस हादसे में मृतक के परिवारीजन को पांच-पांच लाख और गंभीर रूप से घायलों को दो-दो लाख रुपए की मदद देने का ऐलान किया है।
Published: 15 May 2018, 10:19 PM IST
इस फ्लाईओवर को बनाने वाली कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर के आर सूदन ने बताया कि गिरे हुए हिस्से को हटाने के लिए ताकतवर क्रेन की जरूरत है, जो अभी तक मौके पर नहीं पहुंची है, इसलिए गिरे हुए बीम के नीचे दबे वाहनों को निकालना संभल नहीं हो पा रहा है। उन्होंने बताया कि अभी यह नहीं कहा जा सकता कि हादसा कैसे हो गया।
Published: 15 May 2018, 10:19 PM IST
जानकारी के मुताबिक कैंट-लहरतारा रोड पर एईएन कॉलोनी के सामने शाम साढ़े पांच बजे के लगभग निर्माणाधीन फ्लाईओवर पर मजदूर काम कर रहे थे। इसी दौरान सड़क की दाईं लेन पर पिलर के ऊपर रखी 50-50 फीट लंबी दो बीम तेज धमाके और धूल के गुबार के साथ सड़क पर गिर पड़ीं। तेज धमाका सुनकर वसुंधरा और एईएन कॉलोनी के लोग अपने घरों से बाहर निकल कर भागे। राहगीरों में भी भगदड़ मच गई। हादसे के लगभग आधा घंटे बाद पुलिस पहुंची और तकरीबन डेढ़ घंटे बाद राहत और बचाव कार्य शुरू हुआ। जिन बीम के नीचे वाहन दबे थे, उसे हटाने के लिए एक-एक कर नौ क्रेन आईं लेकिन उठा नहीं सकीं। सभी नौ क्रेन की मदद से बीम को हल्का सा उठाया गया तो दो ऑटो, दो बोलेरो, एक कार और एक अप्पे को बाहर निकाल कर महानगर बस को खींचा गया।
Published: 15 May 2018, 10:19 PM IST
हादसे वाली जगह पर अंधेरा होने के कारण अब राहत और बचाव काम में दिक्कतें आ रही हैं। राहत टीमें अभी तक सिर्फ कुछ लोगों को ही निकाल पाए हैं। इसके अलावा राहत टीमों ने अब तक 16 शव निकाल लिए हैं। लेकिन अभी बहुत से शव दबे होने की आशंका है।
Published: 15 May 2018, 10:19 PM IST
मौके पर एनडीआरएफ की 7 टीमें मौके पर हैं और लोगों को बचाने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन फ्लाइओवर का यह हिस्सा इतना भारी है कि इसमें से लोगों को निकालना लगभग असंभव है। इस हिस्से के नीचे एक मिनी बस, कम से कम 5 कारें और कई दुपहिया वाहन और थ्री व्हीलर फंसे हुए हैं। इनमें मौजूद लोगों को निकालने की सारी कोशिशें अब तक बेकार साबित हुई हैं, क्योंकि इतने भारी हिस्से को हटाने के लिए जितनी ताकत की क्रेन चाहिए, वह वहां नहीं है।
Published: 15 May 2018, 10:19 PM IST
वाराणसी में एक निर्माणाधीन फ्लाईओवर का एक हिस्सा गिरने से कम से कम 100 लोगों की मौत की आशंका है। हालांकि अधिकारिक तौर पर मरने वालों की संख्या 18 बताई जा रही है, लेकिन चश्मदीदों का कहना है कि इसमें कम से कम 100 लोगों की मौत हुई है। यह हादसा कैंट रेलवे स्टेशन के पास हुआ।
Published: 15 May 2018, 10:19 PM IST
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Published: 15 May 2018, 10:19 PM IST