ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर वाराणसी जिला न्यायालय ने मामले से जुड़े सभी केसों को क्लब करने का आदेश दिया है। अब सभी आठ मामलों की सामूहिक रूप से सुनवाई होगी। अब एक ही कोर्ट में ज्ञानवापी से जुड़े सभी मामलों की एक साथ सुनवाई होगी। आपको बता दें, वाराणसी के जिला जज डॉक्टर अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट ने हिंदू पक्ष ने मामलों को क्लब करने को लेकर दाखिल याचिका पर यह फैसला सुनाया है।
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ये केस ज्ञानवापी में कथित शिवलिंग मिलने, उसकी वैज्ञानिक जांच और परिसर का सर्वेक्षण, श्री विश्वनाथ जी को अपने अतिशय क्षेत्र पर अधिकार, माता श्रृंगार गौरी की पूजा का अधिकार जैसे मामलों से जुड़े हैं। ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले से जुड़ी चार महिला याचिकाकर्ताओं ने जिला अदालत में अपील दायर कर कहा था कि ये आठों मुकदमे एक ही प्रकृति के हैं, एक ही मामले से जुड़े हैं और अपने-अपने अधिकारों के लिए दायर किए गए हैं, लेकिन सभी की सुनवाई वाराणसी में ही अलग-अलग अदालतों में चल रही है।
इससे कई बार मतभेद और भ्रम को स्थिति भी बनती है। यह न्यायिक प्रक्रिया के लिए उचित नहीं है। ऐसे में इन मामलों की सुनवाई एक साथ एक ही अदालत में एक ही जज के इजलास में की जाए। वाराणसी जिला कोर्ट में जिला जज ने उनकी यह अपील मंजूर कर ली है।
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उधर दूसरे पक्षकार यानी मस्जिद के दावेदारों ने इस निर्णय से असहमति जताते हुए इसे इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है। हालांकि सुनवाई के दौरान भी मुस्लिम पक्षकारों ने एक साथ सुनवाई की दलीलों का पुरजोर विरोध किया था।
गौरतलब है कि अगस्त 2021 में पांच महिलाओं ने स्थानीय कोर्ट में एक याचिका दायर कर ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित मां श्रृंगार गौरी स्थल पर नियमित पूजा करने का अधिकार मांगा था। अप्रैल 2022 में सीनियर डिवीजन की कोर्ट ने मस्जिद परिसर में सर्वेक्षण का आदेश दे दिया था। मई 2022 में सर्वे पूरा हुआ था। इसी दौरान वजू वाली जगहर पर कथित रूप से एक शिवलिंग मिला था। हालांकि मुस्लिम पक्ष का कहना है कि वह फव्वारा है।
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