उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के कनालीछीना में अज्ञात बीमारी ने कहर बरपाया हुआ है। इस बीमारी से कई बकरियों की मौत हो गई है। जबकि, सैकड़ों भेड़ और बकरियां बीमारी के चपेट में है। ग्रामीणों ने पशुपालन विभाग से क्षेत्र में कैंप लगाकर भेड़ बकरियों की इलाज करने की मांग की है। जिससे इस बीमारी को फैलने से रोका जा सके। इलाज के लिए पशुपालकों ने संबंधित विभागीय अधिकारियों से मदद की गुहार लगाई है। ग्रामीणों ने लंपी वायरस होने की आशंका जताई है, लेकिन बीमारी का पता पशुपालन विभाग ही बता पाएगा।
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कनालीछीना ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हेम पांडे ने कहा है कि बाराकोट, देवखेत समेत कई गांवों में पशुओं में बीमारी फैली है। इतना ही नहीं इस बीमारी के चपेट में ज्यादातर भेड़ बकरी शामिल हैं। शनिवार को भी दो पशुपालक के कई बकरियां मर गईं। जिससे उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा है। अभी भी कई पशुपालकों के बकरियां और भेड़ इस बीमारी के चपेट में हैं।
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उन्होंने कहा कि यहां के लोगों का मुख्य आजीविका पशुपालन है। लेकिन बकरियों के बीमारी के चपेट में आ जाने से पशुपालक परेशान हैं। पशुओं को इलाज नहीं मिल पा रहा है। जिसके चलते पशुओं की मौत हो रही है। ग्रामीणों ने पशुपालन विभाग से उक्त क्षेत्र में कैंप लगाकर भेड़ बकरियों को इलाज करने की मांग की है।
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वहीं ग्रामीणों ने मांग की है कि जिन पशुपालकों के पशु बीमारी के चपेट में आने से मौत हुई है, उनको उचित मुआवजा दिया जाए। इस पूरे मामले में पशुपालन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पिथौरागढ़ जिले के कई क्षेत्रों में लंपी बीमारी फैली हुई है। संभवत इन बकरियों की मौत लंपी बीमारी से हुई होगी। डॉक्टरों की टीम भेजने की कार्रवाई की जा रही है।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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