उत्तराखंड के तपोवन टनल में जिंदगियों को बचाने की जंग में अब पानी बाधा बन रही है। जानकारी के मुताबिक ऋषि गंगा नदी का जलस्तर अचानक बढ़ रहा है। जिसके चलते इस नदी का पानी टनल में भी आ गया है। यही वजह है कि रेस्क्यू टीम को आधे किलोमीटर तक पीछे ले जाया गया है। मौके पर मौजूद जिलाधिकारी का कहना है कि हमें अभी नहीं पता है कि जलस्तर कैसे और कितना बढ़ा है, लेकिन लोगों की सुरक्षा के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन को बंद किया गया है।
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न्यूज एजेंसी एएनआई पर इसका एक वीडियो भी आया है जिसमें दिख रहा है कि रेस्क्यू टीम टनल से बाहर आ रही है। आपको बता दें, इससे पहले गुरुवार तड़के तपोवन टनल में ड्रिलिंग ऑपरेशन शुरू किया गया। इस ड्रिलिंग के जरिए 12 से 13 मीटर लंबा छेद करने की कोशिश की जा रही है, जिससे पता चल सके कि अंदर कोई मौजूद है या नहीं। एक रिपोर्ट की मानें तो आपदा मे 204 लोग लापता हुए थे, जिसमें से 35 लोगों के शव बरामद हुए है और 10 क्षत विक्षत मानव अंग बरामद हुए हैं। 170 से ज्यादा लोग अभी भी लापता हैं, जिनमें से 30 से 35 मजदूरों के तपोवन पॉवर प्रोजेक्ट के टनल में फंसे होने की आशंका है, जिन्हें बचाने के लिए चार दिन से कोशिशें की जा रही हैं। रेस्क्यू करने वाली टीमें युद्ध स्तर पर मिशन में जुटी हैं। रेस्क्यू टीमों में 600 से ज्यादा लोग लगातार मलबा निकालने में जुटे हैं।
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जब से सुरंग के भीतर खुदाई और ड्रिलिंग का काम शुरू हुआ है, तब से बचावकर्मी सुरंग के अंदर तक जाने के लिए कई तरह के प्रयास कर रहे हैं, जो कि रविवार सुबह आए जलप्रलय के हादसे के बाद ब्लॉक हो चुका है। सुरंग के अंदर का हाल जानने के लिए बचाव दल ने रिमोट सेंसिंग तकनीक की भी मदद ली है।
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डीआईजी एसडीआरएफ रिधिम अग्रवाल ने कहा, "हमने अपने ऑपरेशन में आपदाग्रस्त सुरंग के भौगोलिक मानचित्रण का भी उपयोग किया है।" मंगलवार को बचाव कार्य उस वक्त धीमा पड़ गया, जब उत्तराखंड के चमोली जिले में आपदा प्रभावित तपोवन पनबिजली परियोजना की एक सुरंग के भीतर से भारी गाद निकलने लगी थी। डीजीपी अशोक कुमार ने कहा है कि फंसे हुए लोगों की जान बचाने के लिए सभी संभावनाएं टटोली जाएंगी। हालांकि फिलहाल तक अंदर फंसे हुए लोगों के बारे में कोई भी जानकारी नहीं मिल पाई है।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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