शुक्रवार को रूद्रप्रयाग के अगस्त्यमुनि में हुई हिंसा-आगजनी की घटना में कथित आरोपियों के खिलाफ रूद्रप्रयाग जिला पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। पुलिस ने 10 लोगों को नामजद किया है जिनमें ‘जय हो’ छात्र समूह से स्थानीय छात्र नेता स्थानीय छात्र नेताओं के अलावा दक्षिणपंथी संगठनों से जुड़े लोग हैं। उन पर मुस्लिम समुदाय से जुड़े लोगों की 6 दुकानों को जलाने का आरोप है जो सोशल मीडिया पर फैले इस अफवाह के बाद हुई कि एक मुस्लिम युवक ने एक नाबालिग लड़की का बलात्कार किया है। खास बात यह है कि सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने के लिए अलग से एक केस स्वामी दर्शन भारती पर किया गया है जो लगातार अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ जहर घोलते रहते हैं। उनके अलावा एक महिला समेत तीन और लोगों को इसमें अभियुक्त बनाया गया है।
शनिवार को इलाके में शांति वापस लौटी जब पुलिस ने एक फ्लैग मार्च निकाला और आईपीसी की धारा 144 लगा दी जिसके तहत 4 लोगों से ज्यादा के एक साथ इकट्ठा होने पर रोक लग जाती है। पुलिस के अनुसार, इसकी साजिश एक घटना के बाद रची गई जिसमें दो छात्रों के साथ तीन मजदूर शामिल थे। ऐसा कहा गया कि मजदूरों ने एक निर्माणाधीन इमारत में एक छात्र और छात्रा को आपत्तिजनक अवस्था में पकड़ लिया। उन्होंने कथित तौर पर अपने मोबाइल से उनकी तस्वीरें ले लीं और लड़की को छेड़ने लगे। छात्रों ने इसकी सूचना अन्य छात्रों को दे दी जिन्होंने पुलिस में जाकर मजदूरों के खिलाफ शिकायत कर दी।
इस बीच सोशल मीडिया और फेसबुक का कुछ तत्वों द्वारा गलत इस्तेमाल करते हुए यह अफवाह फैलाई गई कि एक मुस्लिम युवक ने 10 साल की लड़की का बलात्कार किया है। शुक्रवार को दक्षिणपंथी संगठन ‘जय हो’ से जुड़े छात्रों समेत व्यापारी एसोसिएशन ने एक विरोध जुलूस निकाला और बाद में मुस्लिम समुदाय से जुड़े लोगों की 6 दुकानों में आग लगा दी।
रूद्रप्रयाग पुलिस ने इस मामले में तीन अलग-अलग केस दर्ज किए हैं। पहले केस में तीन मजदूरों महकार सिंह, सिंटू और सोनी को लड़की को छेड़ने के आरोप में नामजद किया है।
दूसर मामले में पुलिस ने 10 युवाओं और छात्रों को हिंसा और आगजनी करने के आरोप में सीएल एक्ट की आईपीसी की धाराओं 147/149/436/427/435/504/506 के तहत नामजद किया है जिनमें प्रीतम, अनूप सेमवाल, हार्दिक भारतवाल, हैप्पी, आशीष, विकास डिमरी, गौरव बमोला, विक्की, आनंद, अनिल कोठियाल और अन्य के नाम शामिल हैं।
तीसरे मामले में सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने और हिंसा भड़काने के आरोप में आशीष थापा, स्वामी दर्शन भारती, अमित, पुनम और अन्य के खिलाफ आईटी एक्ट की धारा 66 और आईपीसी की धारा 153/503 के तहत केस दर्ज किया गया है।
स्वामी दर्शन भारती भड़काऊ बातें करने के लिए पहले से जाने जाते है जो यह मांग करते रहे हैं कि उत्तराखंड से मुसलमानों को निकाल दिया जाए।
शनिवार को देहरादून में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए गढ़वाल रेंज के डीआईजी ने कहा कि इस मामले में जांच जारी है। उन्होंने आम लोगों से सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही अफवाहों से बचने और शांति बनाए रखने की अपील की।
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