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उत्तराखंड: लगातार बारिश और भूस्खलन से चारधाम यात्रा बाधित, श्रद्धालुओं की संख्या में आई भारी कमी

मई-जून के महीने में रिकॉर्ड तोड़ रही चारधाम यात्रा जुलाई में खराब मौसम, लगातार बारिश और भूस्खलन से बाधित हो गई है। जून महीने में जहां 20-22 हजार यात्री केदारनाथ और बदरीनाथ दर्शन के लिए पहुंच रहे थे, अब उनकी संख्या महज 1000-1200 पर सिमट गई है।

फोटो: सोशल मीडिया 
फोटो: सोशल मीडिया  लगातार बारिश और भूस्खलन से चारधाम यात्रा पर लगी ब्रेक 

जून के महीने में चारधाम यात्रा पर पहुंच रहे रिकॉर्ड तोड़ श्रद्धालुओं की संख्या पर जुलाई में बादलों ने ब्रेक लगा दिया है। खराब मौसम और जगह-जगह हो रहे भूस्खलन से यात्रा प्रभावित हुई है। जिससे श्रद्धालुओं की संख्या में भारी कमी आई है। चारधाम के साथ ही कैलाश मानसरोवर यात्रा पर आए श्रद्धालुओं को भी यात्रा जारी रखने के लिए मौसम खुलने का इंतजार करना पड़ रहा है। अमरनाथ यात्रा भी भारी बारिश के चलते लगातार प्रभावित हो रही है।

मई-जून के महीने में रिकॉर्ड तोड़ रही चारधाम यात्रा पर जुलाई में खराब मौसम, लगातार बारिश और भूस्खलन ने ब्रेक लगा दिये हैं। जून महीने में जहां 20-22 हजार यात्री केदारनाथ और बदरीनाथ दर्शन के लिए पहुंच रहे थे, अब उनकी संख्या महज 1000-1200 पर सिमट गई है।

रुद्रप्रयाग में आपदा प्रबंधन अधिकारी एससी शर्मा के मुताबिक खराब मौसम के चलते केदारनाथ आने वाले यात्रियों की संख्या बेहद कम हो गई है। 25 जुलाई को महज 127 यात्री सोनप्रयाग से केदारनाथ दर्शन के लिए गये। भूस्खलन की वजह से रास्ते जगह जगह से बंद हो रहे हैं। जिला प्रशासन का दावा है कि केदारनाथ यात्रा मार्ग पर जेसीबी मशीने तैनात की गई हैं। 30 मिनट में बंद रास्तों को खोल दिया जा रहा है। ताकि यात्रियों को कोई दिक्कत न हो।

चमोली में 20 जुलाई को बादल फटने के बाद बदरीनाथ यात्रा प्रभावित हुई थी। यात्रा फिलहाल चल रही है लेकिन खराब मौसम बार-बार बाधा बन रहा है। 25 जुलाई की सुबह बदरीनाथ हाईवे पर मलबा आने से गोविंदघाट पिनोला मार्ग प्रभावित हुआ। जिसे बीआरओ ने बाद में खोल दिया। कब बारिश हो जाए, भूस्खलन से रास्ते बंद हो जाएं, इन आशंकाओं के चलते यहां यात्रियों की संख्या में भारी गिरावट आई है। महज 1500-2000 यात्री रोजाना यहां दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। आपदा प्रबंधन अधिकारी नंद किशोर जोशी के मुताबिक फिलहाल बदरीनाथ यात्रा सुचारू है।

गंगोत्री में भी भूस्खलन से यात्रा बार-बार प्रभावित हो रही है। मलबा हटाकर रास्ते खोले जा रहे हैं लेकिन इस बीच यात्रियों का सब्र जवाब दे जा रहा है। यहां करीब 1500 से 2000 यात्री रोजाना आ रहे हैं। जिसमें कांवड़िये भी शामिल हैं।

यमुनोत्री आने वाले यात्रियों की मुश्किलें काफी बढ़ी हुई हैं। ओजरी-डबरकोट मार्ग पर लगातार भूस्खलन हो रहा है। यहां पहाड़ों से बड़े-बड़े बोल्डर गिर रहे हैं। जिसे हटाना हाईवे कर्मचारियों के लिए जोखिम भरा है। पहाड़ियों से लगातार मलबा गिरने के चलते कर्मचारियों के चोटिल होने का खतरा भी है। इसलिये यहां मलबा हटाने का काम शुरू नहीं किया जा पा रहा। उत्तरकाशी में आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल के मुताबिक फिलहाल यमुनोत्री आने वाले श्रद्धालुओं को करीब ढाई किलोमीटर पैदल दूरी तय कर, दूसरे वैकल्पिक मार्ग से ट्रांसपोर्ट की सुविधा मुहैया करायी जा रही है। यहां प्रतिदिन मात्र 150-200 यात्री ही आ रहे हैं।

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उधर, कैलाश मानसरोवर यात्रा पर निकले नवें के 54 यात्रियों को पिथौरागढ़ में और दसवें दल के 49 यात्रियों को चौकड़ी में खराब मौसम के चलते रोका गया है। सातवें दल के 57 यात्री कैलाश परिक्रमा पूरी करने के बाद चीन के कुग्गू में ही रुका हुए हैं। मौसम ठीक होने पर ये दल शुक्रवार तक भारत पहुंच सकेगा। यात्रा के आठवें दल के 58 यात्री गूंजी में रुका हुए हैं। यहां यात्रियों के मेडिकल परीक्षण किये जा रहे हैं। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी आरएस राणा के मुताबिक कैलाश मानसरोवर यात्रियों को पिथौरागढ़ से गूंजी तक हेलिकॉप्टर के जरिये भेजा जा रहा है। 2 जुलाई को बादल फटने की घटना के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा का पैदल मार्ग काफी खराब हालत में है। लखनपुर से मालपा और फिर गूंजी तक करीब 18 किलोमीटर सड़क बुरी तरह टूटी-फूटी है। कई जगह रास्ते कटे हुए हैं तो कई जगह पूरी सड़क ही बह गई है। दो पुल भी यहां भारी बारिश में बह गए थे। इसलिये हेलिकॉप्टर के जरिये यात्रियों को गूंजी तक लाने और ले जाने की व्यवस्था की गई है।

मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून ने उत्तराखंड में 26 जुलाई तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इसके बाद सामान्य वर्षा का अनुमान जताया गया है।

खराब मौसम ने अमरनाथ यात्रा पर निकले शिवभक्तों की राह में भी रोड़े अटकाए। जम्मू-कश्मीर में लगातार बारिश और भूस्खलन से अमरनाथ यात्रा कई बार रोकनी पड़ी। बारिश के चलते मलबा हटाने का कार्य भी बार बार बाधित हुआ। मौसम विभाग ने पहलगाम और बालटाल मार्ग पर गुरूवार को हलकी से तेज बारिश का अनुमान जताया है। 24 जुलाई को 1,629 तीर्थ यात्रियों ने पवित्र गुफा में शिवलिंग के दर्शन किए। अब तक 2.42 लाख से अधिक यात्री शिवलिंग के दर्शन कर चुके हैं। अमरनाथ यात्रा 28 जून को शुरू हुई थी और 26 अगस्त को समाप्त होगी।

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