उत्तराखंड में क्षेत्रीय मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में भारी बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। अधिकारियों ने कहा कि मंगलवार को बारिश के बाद बुधवार को भी कई स्थानों पर बारिश हुई। बारिश के चलते उत्तराखंड में 4 दर्जन से अधिक मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं।
एक अधिकारी के मुताबिक, “चमौली और पिथौरागढ़ में अधिकतर सड़कें या तो जलमग्न हो गईं या यातायात ठप हो गया है।” 21 जुलाई से यमुनोत्री राजमार्ग को बंद कर दिया गया। मौसम विभाग की ओर से भारी बारिश की चेतावनी के बाद सरकार ने सभी अधिकारियों को हालात पर नजर बनाए रखने के निर्देश दिए हैं।
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मौसम केंद्र प्रभारी बिक्रम सिंह ने बताया कि बुधवार को प्रदेश के लगभग सभी क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान है। गढ़वाल में पौड़ी, हरिद्वार और कुमाऊं में अल्मोड़ा और नैनीताल जिलों में सबसे ज्यादा बारिश होने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि 27 तक प्रदेश में अच्छी बारिश होगी। उसके बाद कुछ समय तक बारिश से हल्की राहत मिल सकती है।
कोटद्वार में सुबह के समय अच्छी बारिश हुई। कुमाऊं के अमूमन सभी जिलों में सुबह से रिमझिम बारिश हुई। चंपावत में मलबा आने से टनकपुर-चंपावत के बीच अमरूबैंड के पास सुबह सड़क बंद हो गई। इससे दोनों तरफ वाहनों की लाइनें लगी रही। जेसीबी की मदद से मलबा हटाया गया। इसके अलावा चंपावत की तीन आंतरिक सड़कें भी बंद हैं।
इससे पहले भी उत्तराखंड में भारी बारिश और बादल फटने से तबाही मच चुकी है। 20 जुलाई को चमोली जिले के मालारी क्षेत्र में बादल फट गया था, जिससे चारों तरफ तबाही का मंजर फैल गया था। बादल फटने की घटना जोशीमठ से करीब 50 किमी दूर नीती बार्डर एरिया में हुई थी। इसी इलाके में दो दिन पहले भी बादल फटा था, जिसमें कई मवेशी और दुकानें बह गई थीं।
20 जुलाई को ही जोशीमठ तहसील के सीमांत क्षेत्र में भारी बारिश के दौरान भूस्खलन का मलबा सड़क किनारे बने एक टिन शेड पर गिर गया था। इससे उसमें रहने वाले 2 मजदूरों और 2 बच्चों की मौत हो गयी थी। मृतकों में एक महिला मजदूर और उसका डेढ साल का पुत्र भी शामिल है। इस हादसे का शिकार हुए मजदूर नेपाली थे। 16 जुलाई को चमोली के थराली और घाट ब्लॉक में बादल फटने से 10 दुकानें, कई मवेशी और कई वाहन बह गए थे।
इसके अलावा ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर लामबगड़ में मलबा आने से यातायात कई बार अवरूद्ध हो चुका है।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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