उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति डांवाडोल है। वहीं सरकारी अधिकारियों के खिलाफ भी रोजाना शिकायतें मिल रही हैं। ऐसे में सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों और पुलिस कप्तानों के लिए नया फरमान जारी किया है। इसके तहत अब सुबह 9 बजे से लेकर 11 बजे तक अधिकारियों को अपने दफ्तर में बैठना होगा। इन दो घंटों के दौरान अधिकारी आम जनता की फरियाद को सुनेंगे।
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राज्य में कानून व्यस्था को लेकर योगी सरकार पर सवाल उठ रहे हैं। विपक्षी दल भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरने में लगे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव कानून व्यवस्था को लेकर सरकार पर हमलावार हैं। मायावती ने जहां कई बार योगी आदित्यनाथ सरकार पर सवाल खड़े किए तो अखिलेश यादव ने राज्यपाल राम नाईक से मुलाकात कर मेमोरेंडम सौंपा था।
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वहीं बीएसपी प्रमुख मायावती ने ट्वीट कर योगी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा, 'यूपी में अपराध नियंत्रण व कानून-व्यवस्था की बिगड़ी स्थिति के साथ-साथ सर्वसमाज की बहन- बेटियों की जान और इज्जत-आबरू के सम्बंध में अराजकता जैसी स्थिति अति-दुःखद और अति-चिन्ता का विषय।’
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मायावती ने कहा, ‘सरकारी दावों के विपरीत पूरे प्रदेश में हर प्रकार के जघन्य अपराधों की बाढ़ से जनता में त्राहि-त्राहि।’ बिजली की किल्लत पर मायावती ने कहा, ‘यूपी की त्रस्त जनता और बीपीएल परिवारों पर भी बिजली की दरों में भारी वृद्धि करके उन्हें तेज झटका देने की सरकारी तैयारी घोर निन्दनीय। लोकसभा चुनाव के बाद क्या बीजेपी सरकार इसी रूप में यूपी की 20 करोड़ जनता को आघात पहुंचाएगी? यह वृद्धि सौभाग्य को दुर्भाग्य योजना में नहीं बदल देगी?’
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बता दें कि एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर राज्यपाल राम नाईक से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा था। अखिलेश यादव ने कहा था कि उत्तर प्रदेश में जंगल राज चल रहा है। राज्य में अपराधी बेलगाम हैं। राज्यपाल सरकार को कानून व्यवस्था को लेकर सरकार को जगाएं।
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