उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के सिकंदराराऊ क्षेत्र में आयोजित एक सत्संग में मंगलवार को भगदड़ मच गयी, जिसमें 116 लोगों की मौत हो गयी और कई अन्य घायल हो गये। पुलिस ने यह जानकारी दी।
अलीगढ़ परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) शलभ माथुर ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि हाथरस में भगदड़ की घटना में 116 लोगों की मौत हो गई है।
एटा और हाथरस सटे जिले हैं और सत्संग में एटा के लोग भी शामिल होने पहुंचे थे। एटा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार सिंह ने बताया कि यह घटना पुलराई गांव में सत्संग में हुई, जिसमें शामिल होने के लिये बड़ी संख्या में लोग आए थे।
इसके पहले हाथरस के जिलाधिकारी आशीष कुमार ने बताया था कि इस घटना में अब तक 50 से 60 लोगों की मौत हो जाने की सूचना है।
उन्होंने कहा था कि हाथरस के सिकंदराराऊ में ‘भोले बाबा’ का समागम हो रहा था और जब समागम का अंत हो रहा था तब उमस काफी थी, ऐसे में लोगों के बाहर निकलते समय भगदड़ मच गयी।
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मरने वालों की संख्या पूछे जाने पर जिलाधिकारी कुमार ने कहा था कि अभी घायलों को अस्पताल भेजा जा रहा है और प्रशासन की प्राथमिकता घायलों का समुचित उपचार कराना और मृतकों के परिवारों को प्रशासनिक सहायता पहुंचाना है।
जब उन्हें याद दिलाया गया कि एटा के अधिकारियों द्वारा सिर्फ वहां पोस्टमार्टम हाउस पर 27 मरने वालों के शव पहुंचने की की पुष्टि की गयी है तो उन्होंने कहा था कि अभी तक लगभग 50 से 60 लोगों के मरने की संख्या सामने आयी है।
कुमार से जब पूछा गया कि सत्संग की अनुमति किसने दी तो उन्होंने कहा कि इसकी अनुमति एसडीएम साहब द्वारा दी गयी थी और यह निजी आयोजन था जिसमें सुरक्षा और कानून-व्यवस्था के लिए सुरक्षाकर्मियों की ड्यूटी लगायी गयी थी लेकिन अंदर की व्यवस्था उनके द्वारा (आयोजकों) की जानी थी। उन्होंने कहा कि इस संबंध मे उच्च स्तर पर एक जांच समिति गठित की गयी है और जांच में सब चीजें स्पष्ट हो जाएंगी।
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इसके पहले एटा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार सिंह ने संवाददाताओं से कहा था, ‘‘एटा अस्पताल में 27 शव लाए गए हैं। मरने वालों में 23 महिलाएं, तीन बच्चे और एक पुरुष शामिल हैं।’’
इस बीच, कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने एटा के एक अस्पताल में 60 से अधिक शव लाए जाने का दावा किया है।
पीड़ितों को मृत अवस्था में या बेहोशी की हालत में ट्रकों तथा अन्य वाहनों से सिकंदराराऊ ट्रामा सेंटर लाया गया। शवों को स्वास्थ्य केंद्र के बाहर रखा गया, जहां लोगों की भारी भीड़ एकत्र हो गई।
एक वीडियो क्लिप में एक महिला को ट्रक में पांच छह शवों के बीच बुरी तरह रोते हुए दिखाया गया है। एक अन्य तस्वीर में एक वाहन में एक महिला और एक पुरुष अचेत अवस्था में लेटे नजर आए।
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प्रत्यक्षदर्शी शकुंतला देवी ने ‘पीटीआई-वीडियो’ को बताया कि सत्संग खत्म होने के बाद लोग जब आयोजन स्थल से निकल रहे थे, तो उसी समय भगदड़ मची। उन्होंने बताया कि लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरते चले गए।
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सिकंदराराऊ के थाना प्रभारी आशीष कुमार ने कहा कि वस्तुत: अत्यधिक भीड़ होने की वजह से भगदड़ मच गयी।
सत्संग में शामिल होने के लिये अपने परिवार के साथ जयपुर से आयी एक महिला ने बताया कि सत्संग के समापन के बाद लोग एकदम से बाहर निकलने लगे, जिससे भगदड़ मच गयी।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, योगी आदित्यनाथ ने भगदड़ में मारे गए लोगों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये तथा घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए हैं।
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सिकंदराराऊ के विधायक वीरेंद्र सिंह राणा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि एक दिवसीय सत्संग सुबह मंगलवार से शुरू हुआ था।
योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए अधिकारियों को राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने अपर पुलिस महानिदेशक (आगरा) और आयुक्त (अलीगढ़) के नेतृत्व में टीम गठित कर दुर्घटना के कारणों की जांच के निर्देश भी दिए हैं।
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