उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से करीब 80 किमी दूर हरदोई जिले में पिछले एक सप्ताह में दलितों के उत्पीड़न से जुड़ी कई चौंकाने वाली ह्रदयविदारक घटनाएं हुई हैं। इनमें सबसे गंभीर घटना स्वर्ण जाति की युवती से प्रेम करने पर एक दलित युवक को जिंदा जलाने की है। इसके अलावा मूर्ति खंडित करने के आरोपों के बीच दलितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने और एक आश्रम पद्धति विद्यालय के छात्रों की पुलिस द्वारा पिटाई किए जाने को लेकर दलितों में रोष पनप रहा है। यहां के हालात ऐसे हैं कि बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती और कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला तक ने इस पर चिंता जताई है।
हरदोई में सबसे गंभीर घटना 15 सितंबर की रात को हुई थी जब बधेचा गांव में एक दलित युवक अभिषेक सांडी को चारपाई पर डालकर जिंदा जला दिया था। अभिषेक कथित तौर पर अपनी प्रेमिका शिवानी गुप्ता से मिलने गया था। शिवानी और अभिषेक 6 साल पहले घर से भाग गए थे।बाद में वे लौट आए और दोनों परिवार में समझौता हो गया। बताते हैं कि अभिषेक को शिवानी के पास देखकर उसके परिजन आग बबूला हो गए और अभिषेक को चारपाई से बांधकर जिंदा जला दिया गया। इस सदमे से अभिषेक की मां की भी मौत हो गई।
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मुकदमा दर्ज कराने वाले मृतक अभिषेक उर्फ मोनू के चाचा राजकुमार के मुताबिक मुख्य आरोपी राधे गुप्ता पहले भी कई बार मोनू को जिंदा जला देने की धमकी दे चुका था। राजकुमार के मुताबिक, “वे सवर्ण जाति के हैं जबकि हम दलित हैं। जाति की ऊंच-नीच ने मेरी भाभी और भतीजे की जिंदगी छीन ली। पुलिस ने इस मामले में राधे गुप्ता समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।”
हरदोई के कोतवाल शैलेन्द्र श्रीवास्तव के मुताबिक पुलिस अभिलेखों में दोनों का प्रेम प्रसंग दर्ज है।अभिषेक बीए का छात्र था। जब अभिषेक की मौत की खबर पहुंची, उस समय उसके पिता मिथलेश अपनी पत्नी के साथ अस्पताल में थे। यह सुनकर अभिषेक की मां ने भी दम तोड़ दिया और मिथलेश बेहोश हो गए। घटना की रिपोर्ट अभिषेक के चाचा ने दर्ज करवाई।
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दूसरी घटना शहर कोतवाली क्षेत्र में हुई। इसी दिन शहर कोतवाली क्षेत्र में एक मंदिर में मूर्ति खंडित किए जाने के मामले में 250 से ज्यादा दलितों पर नामजद मुकदमे कर दिए गए। जानकारी के अनुसार यह घटना नुमाइश पुरवा नाम वाले मुहल्ले में हुई, जहां कुश आश्रम और मंदिर आस पड़ोस में है। रविवार दोपहर को यहां समाज की एक बैठक थी। बैठक में मौजूद कुछ लोगों ने पड़ोस के मंदिर में ताला डाल दिया और कथित तौर पर मूर्तियों को तोड़ने की कोशिश की।
इसके बाद पुलिस ने समाज के नेता राजेन्द्र कुशवाहा और सर्वेश कुमार को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया। इसके बाद उन्हें अदालत में पेश करते समय बजरंग दल के जिला संयोजक निहित मिश्रा ने उनके चेहरे पर कालिख पोत दी और पिटाई कर दी। इसी बैठक में शामिल समाज के नेता डॉ अरुण मौर्य को बीजेपी से निष्काषित कर दिया गया और उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया गया। इस घटना को लेकर हिन्दू संगठन और विशेष समाज के लोग आमने-सामने आ गए हैं। इस मामले में पुलिस पर एकपक्षीय कार्रवाई करने का आरोप है।
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तीसरी घटना हरदोई के बेहटा गोकुल इलाके में हुई। यहां समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित दीन दयाल उपाध्याय आश्रम पद्धति के विद्यालय के बारहवीं तक के छात्र अव्यवस्था के खिलाफ डीएम से शिकायत करने के लिए पैदल ही चल पड़े। हरदोई-शाहजहांपुर रोड पर पुलिस ने उन पर बुरी तरह लाठी भांज दी। आश्रम पद्धति के विद्यालय दलितों और आदिवासियों के सर्वांगीण विकास लिए संचालित किए जाते हैं।
कांग्रेस के दलित नेता और पूर्व मंत्री नितिन राउत के अनुसार यह घटनाएं एक जनपद की हैं। दलितों पर देशभर में अत्याचार के मामले बढ़े हुए हैं। खासकर उत्तर प्रदेश में यह चरम पर है।हरदोई की ये घटनाएं अत्यंत निंदनीय हैं। आज भी धर्म-जाति और सम्मान के नाम पर दलित जिंदा जलाए जा रहे हैं। 18 सितंबर को बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने हरदोई में दलित युवक की हत्या के बाद इसे अत्यंत क्रूर और निंदनीय बताया था।
हरदोई के एसपी आलोक प्रियदर्शी के अनुसार इन सभी मामलों में वैधानिक कार्रवाई की गई है और पुलिस कोई कोताही नहीं बरत रही है। गौरतलब है कि हरदोई बीजेपी सांसद नरेश अग्रवाल का प्रभाव वाला क्षेत्र है और वैश्य समुदाय का यहां काफी दबदबा है। इन घटनाओं के बाद हरदोई में दलित बनाम सवर्ण तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है।
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