उत्तर प्रदेश के कासगंज में सड़क हादसे में मारे गए 23 लोगों का एटा के नगला कसा और आस-पास के गांवो में अंतिम संस्कार कर दिया गया। अस्पताल से पोस्टमॉर्ट के बाद जैसे ही गांव में 23 लोगों के शव पहुंचे पूरे इलाके में हाकार मच गया। 23 लोगों के शव देखकर लोगों के आंसू नहीं रुक पा रहे थे।
कासगंज के पटियाली इलाके में ट्रैक्टर-ट्रॉली तालाब में पलटने से बच्चों और महिलाओं समेत 23 लोगों की शनिवार को जान चली गई थी। पटियाली थाना क्षेत्र में सुबह गंगा स्नान करने जा रहे श्रद्धालुओं से भरी एक ट्रैक्टर-ट्रॉली पटियाली-दरियावगंज मार्ग पर तालाबा में पलट गई थी। 23 मृतकों में 9 बच्चों और 13 महिलाएं भी शामिल थीं। हादसे में कई लोग घायल हो गए थे।
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खिरिया ग्राम पंचायत के नगला कसा के सबसे ज्यादा 18 लोगों की मौत हुई है। इसके बाद ग्राम सगोगर रोरी के तीन बच्चों और एक महिला की मौत हुई। वहीं, ग्राम बनार की एक 10 साल की बच्ची की मौत हो गई। स्थानीय लोगों ने बताया कि जब गांव में शव पहुंचा तो बहुत ही दर्दनाक मंजर था।
वहीं, प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री संदीप सिंह ने सभी मृतकों के परिजनों के घर जाकर सांत्वना दी। अंतिम दर्शन के बाद पत्रकारों से उन्होंने कहा कि लोग धार्मिक या अन्य कार्यक्रमों के दौरान जिस तरह ट्रैक्टर ट्रॉली मैं भरकर जाते हैं उसे रोका जाना चाहिए, क्योंकि इस तरह के हादसे बेहद दर्दनाक हैं।
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