उत्तर प्रदेश में सुर्खियों में चल रहे धर्मांतरण मामले में यूपी एटीएस की पकड़ में आए सांकेतिक भाषा के अनुवादक इरफान शेख को लेकर कई सनसनीखेज तथ्य सामने आए हैं। ‘अमर उजाला’ की खबर के अनुसार इरफान एक नहीं दो-दो बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा कर चुका है। इन दोनों ही मौकों पर प्रधानमंत्री मोदी ने इरफान से न सिर्फ हाथ मिलाया था बल्कि उसकी पीठ भी थपथपाई थी।
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‘अमर उजाला’ के अनुसार जिस इरफान को यूपी एटीएस ने धर्मांतरण मामले में गिरफ्तार किया है, उसने 2017 में गुजरात के राजकोट में और 2020 में यूपी के प्रयागराज में प्रधानमंत्री मोदी के भाषण का मूक बधिरों के लिए संकेत भाषा में अनुवाद कर उनकी बातें मूक बधिरों तक पहुंचाई थी। इन दोनो ही मौकों पर पीएम मोदी ने इरफान से हाथ मिलाया था और उसकी पीठ भी थपथपाई थी। अब आरोप है कि वही इरफान मूक बधिरों में दूसरे धर्मों के प्रति नफरत का जहर घोलने लगा।
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इस मामले पर आईजी एटीएस जीके गोस्वामी का कहना है कि इरफान अपराध में शामिल था। उसे साक्ष्यों के आधार पर गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि इरफान ने कब, किसके साथ, कहां मंच साझा किया, यह हमारी जांच का विषय नहीं है। प्रधानमंत्री के साथ मंच साझा करने के सवाल एटीएस आईजी ने कहा कि हमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है, इस बारे में बाल कल्याण मंत्रालय ही बेहतर बता सकता है।
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दरअसल इरफान शेख मूल रुप से महाराष्ट्र के बीड़ का रहने वाला है और दिल्ली में बाल कल्याण मंत्रालय के अधीन इंडियन साइन लैंग्वेज रिसर्च एंड ट्रेनिंग सेंटर में सांकेतिक भाषा के अनुवादक के रुप में काम करता था। धर्मांतरण मामले में यूपी एटीएस के हत्थे चढ़े उमर गौतम और जहांगीर आलम ने इरफान की असलीयत बताई जिसके बाद एटीएस ने इरफान और उसके दो साथी हरियाणा के मूक बधिर मन्नू यादव उर्फ मन्नान और राहुल भोला को सोमवार को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। इरफान और उसके साथियों की रिमांड पर गुरुवार को सुनवाई होगी।
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