उत्तर प्रदेश में सोमवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों और राज्य में बीजेपी सरकार में आई अपराध की बाढ़ के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। कांग्रेस के किसान महाप्रोटेस्ट को देखते हुए सोमवार सुबह से ही पुलिस ने सूबे भर में बड़ी संख्या में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया या घर पर नजरबंद कर दिया। लेकिन इसके बावजूद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के नेतृत्व में पूरे प्रदेश में हजारों कांग्रेस कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे और जोरदार प्रदर्शन किया।
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सोमवार सुबह से ही राजधानी लखनऊ के विभिन्न इलाकों से होते हुए हजारों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता शहर को परिवर्तन चौक पर जुटने लगे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के नेतृत्व में भारी संख्या में जुटे कांग्रेस कार्यकर्ता वहीं घेरा बनाकर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे। इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ता जैसे ही जीपीओ की ओर बढ़े, पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इस दौरान जमकर धक्का मुक्की हुई और पुलिस ने प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू समेत कई नेताओं को गिरफ्तार कर लिया।
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इसके बाद अजय लल्लू समेत गिरफ्तार सभी कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं कैंप जेल बनाए गए ईको पार्क में ले जाकर बंद कर दिया गया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अजय लल्लू के नेतृत्व में वहीं बैठकर अपना प्रदर्शन शुरू कर दिया। बड़ी संख्या में गिरफ्तार कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता वहीं गोल घेरा बनाकर बैठ गए और नारेबाजी शुरू कर दी। इस दौरान सभा में तब्दील प्रदर्शन को कांग्रेस नेताओं ने संबोधित भी किया। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि योगी सरकार चाहे जो कर ले किसानों की लड़ाई जारी रहेगी।
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इस दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि मोदी सरकार के नए कृषि कानून किसानों के लिए 'काला कानून' हैं। उन्होंने कहा कि रविवार को राष्ट्रपति द्वारा इन कानूनों को मंजूरी दिए जाने के बाद पूरे देश का किसान खुद को असहज महसूस कर रहे है। यह बिल किसान विरोधी है, जिससे आने वाले समय में अपना घर पालने के लिए किसान खुद के खेत में ही बंधुआ मजदूरी करने पर मजबूर होगा। इसको केंद्र सरकार को वापस लेना चाहिए या इस बिल में एमएसपी तय किया जाना चाहिए।
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इससे पहले सोमवार सुबह होते ही प्रशासन ने पूरे सूबे में कांग्रेस नेताओं पर एक तरह से क्रैकडाउन कर विरोध को दबाने की कोशिश की और प्रमोद तिवारी, अराधना मिश्रा, ममता चौधरी, प्रदीप नरवाल, शाहनवाज आलम समेत पार्टी के कई बड़े नेताओं को उनके घर पर ही नजरबंद कर दिया। सड़क पर निकले कांग्रेस और सेवादल के कार्यकर्ताओं को जबरन हिरासत में ले लिया गया। प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू को भी हिरासत में लेने की कोशिश की गई, लेकिन इसके बावजूद वह बचते हुए प्रदर्शन का नेतृत्व करने पहुंच गए। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रदेश में अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं। विरोध की हर आवाज को दबाया जा रहा है।
इससे पहले कांग्रेस के ऐलान को देखते हुए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन को रोकने के लिए लखनऊ कमिश्नरेट के अफसरों ने बॉर्डर सील कर दिए थे। विधानसभा, मुख्यमंत्री और राजभवन के बाहर भारी पुलिस बल सुबह से ही तैनात है। चार कंपनी पीएसी समेत अतिरिक्त पुलिस फोर्स तैनात की गई है। शहर के करीब 14 स्थानों पर बैरिकेडिंग लगाई गई है।
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